सरकार रहते गहलोत को झेलनी पड़ी थी बगावत, अब पायलट के सामने इस बात पर अड़ गए गहलोत?

Rajasthan Congress: राजस्थान में कांग्रेस (Rajasthan Congress) की चुनाव हार के बाद अब संगठन स्तर पर कई फैसले लेने की तैयारी है. सबसे पहले सदन के नेता प्रतिपक्ष को लेकर पार्टी को फैसला लेना है. इस लिस्ट में पार्टी के कई दिग्गज नेताओं का नाम सामने आ रहा है. जिसमें पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (sachin […]

Rajasthan समेत 3 राज्यों BJP को बहुमत मिलते देख राहुल गांधी ने मानी हार, कही ये बात
Rajasthan समेत 3 राज्यों BJP को बहुमत मिलते देख राहुल गांधी ने मानी हार, कही ये बात

राजस्थान तक

• 10:47 AM • 22 Dec 2023

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Rajasthan Congress: राजस्थान में कांग्रेस (Rajasthan Congress) की चुनाव हार के बाद अब संगठन स्तर पर कई फैसले लेने की तैयारी है. सबसे पहले सदन के नेता प्रतिपक्ष को लेकर पार्टी को फैसला लेना है. इस लिस्ट में पार्टी के कई दिग्गज नेताओं का नाम सामने आ रहा है. जिसमें पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट (sachin pilot), हरीश चौधरी, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और सीडब्ल्यूसी सदस्य महेंद्रजीत मालवीया का नाम चल रहा है. ऐसे में देखना यह है कि पार्टी इनमें से किन नेताओं के नाम पर मुहर लगाएगी?

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हालांकि इस पद पर नियुक्ति के बाद पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी बदलाव की संभावना है. ऐसा इसलिए क्योंकि आदिवासी समुदाय से आने वाले मालवीया के अलावा किसी भी नेता को पीसीसी चीफ बनाया जाता है तो फिर सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला बी देखना होगा. ऐसे में संगठन मुखिया के पद पर ओबीसी को मौका नहीं दिया जाएगा.

इधर, हार के बाद संगठन में लगातार चल रहा मंथन

नेता प्रतिपक्ष को लेकर पार्टी में लगातार मंथन चल रहा है. दिल्ली से लेकर जयपुर तक माथापच्ची का दौर जारी है. अंदरखाने खबर है कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पायलट, दोनों के गुट इस पद को लेकर भी आमने-सामने है. यानी सरकार जाने के बाद प्रतिपक्ष नेता को लेकर भी खींचतान का दौर जारी है. दोनों गुट अपने -अपने करीबी नेता को प्रतिपक्ष का नेता बनाना चाहते हैं. चर्चाएं हैं कि सचिन पायलट खुद इस पद में रुचि नहीं रखते हैं. लेकिन पायलट चाहते हैं कि हरीश चौधरी प्रतिपक्ष के नेता बने. वहीं, गहलोत चाहते हैं कि महेंद्रजीत सिंह मालवीय या गोविंदसिंह डोटासरा में से किसी एक को प्रतिपक्ष का नेता बनाया जाए. इस पर फैसला संगठन को लेना है और मुमकिन है कि यह पूरी तस्वीर अगले दो-तीन दिन में साफ हो जाए.

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