Naresh Meena Slapped: नरेश मीणा का थप्पड़ शायद उनका पीछा ही नहीं छोड़ रहा है. पहले SDM को थप्पड़ मारा अब नरेश ने अपने ही समर्थकों को थप्पड़ जड़ दिया. पूरी घटना शहीद स्मारक पर चल रहे सत्याग्रह के दौरान हुई.
ADVERTISEMENT
घटना के दौरान जब कुछ समर्थक धरनास्थल से दूर पेड़ की छांव में बैठे थे और बार-बार बुलाने के बावजूद नहीं आए तो इससे भड़क कर नरेश मीणा ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया और एक समर्थक को लात तक मारी दी.
क्या है पूरा मामला?
नरेश मीणा शहीद स्मारक पर झालावाड़ स्कूल हादसे के मामले को लेकर सत्याग्रह पर बैठे हुए हैं. आपको बता दें कि 25 जुलाई को झालावाड़ के पीपलोदी स्थित सरकारी स्कूल का भवन ढह गया था. इस हादसे में छह परिवारों के सात मासूम बच्चों की अकाल मौत हो गई थी और दो दर्जन बच्चे घायल हुए थे.
राज्य सरकार ने पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी और परिवार के एक सदस्यों को संविदा पर नौकरी देने की घोषणा की थी.
नरेश मीणा का कहना है कि इतनी कम आर्थिक मदद देकर सरकार ने संवेदनहीनता का परिचय दिया है. पीड़ित परिवारों को एक-एक करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने की मांग करने के साथ जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. नरेश मीणा ने ऐलान किया कि जब तक पीड़ित परिवारों को न्याय नहीं मिलेगा. तब तक आमरण अनशन जारी रहेगा.
जमानत पर आते ही धरने पर नरेश मीणा!
हादसा होने के कुछ दिन बाद नरेश मीणा झालावाड़ पहुंचे थे. अस्पताल में घायल बच्चों के परिजनों से मिलने के बाद भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर नरेश मीणा वहीं धरने पर बैठ गए थे. जिसके बाद पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया था.
करीब 40 दिन जेल में रहने के बाद नरेश मीणा जमानत पर छूटे. नरेश मीणा को जमानत देते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने भी टिप्पणी की थी कि आंदोलन करने वाले को ऐसे जेल में नहीं डाला जा सकता. जयपुर के शहीद स्मारक पर अनशन पर बैठे नरेश मीणा ने यह भी कहा कि जब तक वे अनशन पर रहेंगे. तब तक मौन धारण करेंगे.
अब सत्याग्रह पर नरेश मीणा लेकिन व्यवहार पर सवाल उठे
अब एक तरह तो नरेश पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए सत्याग्रह कर रहे हैं लेकिन उनका ये व्यवहार उनके समर्थकों और जनता के बीच कई सवाल खड़े कर रहा है.
यह कोई पहली बार नहीं है जब नरेश मीणा विवादों में आए हैं. इससे पहले भी उन्होंने SDM अमित चौधरी को थप्पड़ मारकर सुर्खियां बटोरी थीं.
यह सत्याग्रह झालावाड़ स्कूल हादसे के मामले में न्याय की मांग को लेकर किया जा रहा है. ऐसे गंभीर मुद्दे पर नरेश मीणा को संयम और नेतृत्व की भावना दिखानी चाहिए, न कि गुस्से में आकर हिंसक रवैया अपनाना चाहिए.
राजनीति में विरोध और संघर्ष आम बात है, लेकिन हिंसा और जबरदस्ती से अपनी बात मनवाना उचित नहीं माना जाता. नेताओं को चाहिए कि वे अपने समर्थकों के साथ शांति और संयम से पेश आएं.
नरेश मीणा का वीडियो देखिए
ADVERTISEMENT