Rajasthan: सवाई माधोपुर सीट बनी HOT, अपनो ने ही बिगाड़ा BJP-कांग्रेस का समीकरण!

Independents are spoiling political mathematics in Sawai Madhopur: राजस्थान (rajasthan assembly election 2023) में इस बार सवाई माधोपुर विधानसभा (sawai madhopur) सीट हॉट बनती जा रही है. यहां जनता में पैठ रखने वाले निर्दलीय ताल ठोक दिए हैं. ऐसे में भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के चुनावी समीकरण बिगड़ गए हैं. भाजपा कार्य समिति सदस्य आशा […]

Rajasthan: सवाई माधोपुर सीट बनी HOT, अपनो ने ही बिगाड़ा BJP-कांग्रेस का समीकरण!
Rajasthan: सवाई माधोपुर सीट बनी HOT, अपनो ने ही बिगाड़ा BJP-कांग्रेस का समीकरण!

सुनील जोशी

• 01:01 PM • 08 Nov 2023

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Independents are spoiling political mathematics in Sawai Madhopur: राजस्थान (rajasthan assembly election 2023) में इस बार सवाई माधोपुर विधानसभा (sawai madhopur) सीट हॉट बनती जा रही है. यहां जनता में पैठ रखने वाले निर्दलीय ताल ठोक दिए हैं. ऐसे में भाजपा-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के चुनावी समीकरण बिगड़ गए हैं. भाजपा कार्य समिति सदस्य आशा मीणा के भाजपा से बागी होकर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने से भाजपा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वही कांग्रेस के पूर्व विधायक अलाउदीन आजाद के पुत्र अजीज आजाद के चुनावी मैदान में ताल ठोकने से कांग्रेस की भी मुश्किलें बढ़ गई हैं. ऐसे में अब सबकी निगाह सवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर है.

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ध्यान देने वाली बात है कि सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और कांग्रेस के दानिश अबरार मैदान में हैं.

टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं आशा मीणा

वहीं टिकट वितरण से नाराज भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आशा मीणा ने भी भाजपा से बागी होकर अपना नामांकन दाखिल किया है. भाजपा-कांग्रेस के घोषित उम्मीदवार के साथ ही दोनों पार्टियों से बगावत कर ताल ठोक रहे नेताओं की भी जनता में खासी पैठ है. जनता से उनका सीधा जुड़ाव है. भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा के लिए भाजपा की बागी आशा मीणा बड़ी चुनौती हैं क्योकि आशा मीणा साल 2018 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ीं और हारने के बाद भी पांच साल से लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहीं. ऐसे में जनता में आशा मीणा की गहरी पैठ और पकड़ है जो डॉक्टर किरोड़ी के लिए परेशानी पैदा कर सकती है. नामांकन दाखिल करने के दौरान आशा मीणा के समर्थन में उमड़ी भीड़ ने इस बात पर मोहर भी लगा दी है. हालांकि अभी भाजपा डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुटी हुई है. ऐसे में अगर भाजपा आशा मीणा को साधने में कामयाब नहीं हुई तो भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है ।

कांग्रेस में भी ऐसे बिगड़ रहा समीकरण

सवाई माधोपुर विधानसभा सीट पर जो हालात भाजपा के हैं वही हालात कांग्रेस में भी बन गए हैं. वर्तमान में कांग्रेस के दानिश अबरार यहां से विधायक हैं. कांग्रेस ने दानिश अबरार पर एक बार फिर भरोसा जताया है. सवाई माधोपुर सीट से उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया है. दानिश अबरार करवाए गये विकास कार्यों और कांग्रेस सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के दम पर चुनावी मैदान में जीत सुनिश्चित करना चाहते हैं. वहीं कांग्रेस के पूर्व विधायक अलाउदीन आजाद के बेटे और अजीज आजाद कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं जिससे यहां का पूरा समीकरण ही बदल गया है. अजीज आजाद की अल्पसंख्यक समुदाय सहित अन्य समाज में भी अच्छी पकड़ मानी जाती है. ऐसे में अजीज आजाद के चुनाव लड़ने से कांग्रेस के दानिश अबरार की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं.

सवाई माधोपुर सीट का जातीय गणित

सवाई माधोपुर विधानसभा में मुस्लिम और मीणा मतदाता अधिक संख्या में हैं. इसके चलते भाजपा-कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार भी जातीय समीकरण को देखते हुए घोषित किए हैं.अब दोनों ही पार्टियों और जाति के नेताओं ने निर्दलीय ताल ठोक दी है.ऐसे में अब मीणा और मुस्लिम मतदाताओं के वोट बंटने की संभावना प्रबल है.

जिला मुख्यालय के मतदाता निभाएंगे अहम भूमिका

जीत का सेहरा किसके सिर बंधेगा इसका निर्णय अब नगर परिषद क्षेत्र के मतदाता करेंगे. विगत चुनावों में भी यहां से जीतने वाले नेताओं को विधानसभा पहुंचाने में जिला मुख्यालय के मतदाताओं की भूमिका अहम रही थी. जातीय मतदाताओं के विभाजन के बाद अब लगता है कि उम्मीदवारों की जीत और हार का फैसला नगर परिषद क्षेत्र के 60 वार्डों के मतदाता ही करेंगे.

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