हुड़ला के घर पर ED की रेड: महवा विधायक बीजेपी सरकार में भी ले चुके हैं पद, अब कांग्रेस से टिकट

MLA om prakash hudla’s Siyasi kisse: राजस्थान में पेपर लीक से जुड़े मामले में ईडी ने आज सुबह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विधायक ओम प्रकाश हुडला के ठिकानों पर कार्रवाई करने पहुंची. ईडी रेड के बाद चर्चा में आए महवा विधायक ओम प्रकाश हुड़ला (om prakash hudla) के कई किस्से खास हैं. कभी वसुंधरा […]

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राजस्थान तक

26 Oct 2023 (अपडेटेड: 26 Oct 2023, 10:09 AM)

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MLA om prakash hudla’s Siyasi kisse: राजस्थान में पेपर लीक से जुड़े मामले में ईडी ने आज सुबह कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और विधायक ओम प्रकाश हुडला के ठिकानों पर कार्रवाई करने पहुंची. ईडी रेड के बाद चर्चा में आए महवा विधायक ओम प्रकाश हुड़ला (om prakash hudla) के कई किस्से खास हैं. कभी वसुंधरा राजे (vasundhara raje) सरकार में संसदीय सचिव रहे हुड़ला मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी खास रह चुके हैं. उनकी राजनीतिक शैली कुछ ऐसी है कि वो कभी भाजपाई तो कभी निर्दलीय रहते हुए कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही पार्टियों को अपना समर्थन दे चुके हैं. जिसकी एक बानगी जून-2022 में राज्यसभा चुनाव के दौरान देखने को मिली थी.

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जब कांग्रेस का सियासी गणित गड़बड़ाने की आशंका के मद्देनजर निर्दलीय विधायकों के भरोसे बीजेपी को मात देने की रणनीति बनाई गई. तब सचिन पायलट समर्थक विधायक, बीटीपी विधायकों के साथ-साथ निर्दलीय विधायक भी पार्टी के लिए चुनौती थे. इसी में एक नाम था हुड़ला का. जो पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के सरकार में भी पद ले चुके हैं. साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीब रहकर उनकी परेशानी भी बढ़ा चुके हैं.आज सियासी किस्से में बात विधायक हुड़ला की राजनीति की.  

जब राज्यसभा चुनाव के चलते कांग्रेस ने विधायकों की बाड़बंदी उदयपुर के अरावली रिसॉर्ट में की तब रिसॉर्ट में 13 निर्दलीय समेत 126 विधायक मौजूद थे. इस दौरान निर्दलीय विधायक खुशवीर सिंह, ओम प्रकाश हुड़ला, सुरेश टांक और रमिला खड़िया सरकार के खेमे में थी, लेकिन इन्हें लेकर बीजेपी को वोट देने की आशंका बढ़ गई थी.

हुड़ला हॉस्पिटल में भर्ती, बाहर मंत्री करते निगरानी

इसी दौरान हुड़ला के चलते सरकार की सांसें बार-बार अटकी रहीं. वोटिंग से कुछ दिन पहले हुड़ला की तबीयत खराब हो गई थी. जिसके बाद उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया. बाड़ेबंदी से बाहर आने के बाद हॉस्पिटल में भी पुलिस के जवान तैनात रहे. तब हॉस्पिटल में सरकार के कई मंत्री भी वहीं मौजूद थे.

गहलोत के विधायकों को दे चुके हैं खास ट्रेनिंग

एक बार हुड़ला से सीएम गहलोत परेशान हुए तो उन्होंने ऐसी तरकीब निकाली जिससे कांग्रेस पार्टी और खासतौर पर गहलोत सरकार को चौतरफा फायदा हो. दरअसल, बाड़ेबंदी के दौरान यह बात भी अंदरखाने से निकलकर आई कि हुड़ला दिख तो गहलोत के साथ रहे थे पर उनके पैंतरे पर किसी को भरोसा नहीं था. वो कब पैंतरा बदलकर गायब हो जाते कोई ठीक नहीं था. ऐसे में गहलोत ने तरकीब निकाला और एक ट्रेनिंग सेशन उस होटल में रखवा दिया जहां विधायकों की बाड़ेबंदी की गई थी. ट्रेनिंग देने का जिम्मा हुड़ला को दिया गया. विषय था … अपने विधानसभा क्षेत्र पर पकड़ कैसे बनाकर रखें. गहलोत का ये आइडिया काम कर गया. हुड़ला भी सबकी नजरों में रहे और विधायकों को दांव-पेंच भी बता गए.

कस्टम विभाग से इस्तीफा देकर लड़ा था चुनाव

विधायक ओमप्रकाश हुडला किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता शिवचरण मीणा किसान थे. किसान पिता की मौत के समय ओमप्रकाश हुडला की उम्र महज 25 साल थी. तब ये कस्टम विभाग में नौकरी किया करते थे. मूलरूप से दौसा जिले के महवा विधानसभा क्षेत्र के गांव हुडला के रहने वाले हुड़ला पहली बार विधायकी लड़ने से लेकर बीजेपी छोड़ने के बाद निर्दलीय विधायक तक के सफर में भाग्य ने हमेशा इनका साथ दिया.

हुड़ला जब कस्टम विभाग में अधिकारी थे तो इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद राजस्थान​विधानसभा के लिए भाग्य आजमाया. साल 2013 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा. चुनाव जीते तो मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सरकार में संसदीय सचिव भी बने. इसके बाद जब निर्दलीय मैदान में उतरे, तब भी साल 2018 के चुनाव में जीत हासिल की.

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