Rajasthan News: 2 करोड़ रुपये के रिश्वत मामले में एसओजी की निलंबित ASP दिव्या मित्तल को सोमवार को जमानत मिल गई. जोधपुर एसओजी की टीम ने पिछले दिनों जमानत पर रिहा होते ही मित्तल को दोबारा गिरफ्तार कर लिया था. अब एनडीपीएस कोर्ट ने दिव्या को राहत देते हुए माना है कि उसकी गिरफ्तारी से पहले न तो कोई लिखित शिकायत दर्ज हुई और ना ही राज्य सरकार से पूर्व अनुमति ली गई.
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दिव्या मित्तल के वकील भगवान सिंह चौहान के अनुसार, दिव्या मित्तल की जमानत अर्जी पर सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि NDPS की 59 धारा के तहत दिव्या मित्तल की गिरफ्तारी की गई थी. जबकि इस धारा के तहत गिरफ्तारी के लिए लिखित में परिवाद होने के साथ ही केंद्र और राज्य सरकार की अनुमति भी आवश्यक है. इस मामले में दोनों ही बातों का पालन नहीं किया गया. भगवान सिंह चौहान ने बताया कि अदालत ने उनके तथ्यों से सहमत होते हुए दिव्या मित्तल को 50-50 हजार रुपये के दो मुचलके के आधार पर जमानत दे दी है.
दिव्या मित्तल के रिसोर्ट पर चला था बुलडोजर
उदयपुर नेचर हिल रिसॉर्ट में बुलाकर परिवादी से 2 करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी गई थी. उसी रिसॉर्ट को प्रशासन ने खाली करने के आदेश दिए थे. जब उसे खाली नहीं किया गया तो यूआईटी के अधिकारी वहां पहुंचे और रिसॉर्ट पर बुलडोजर चलवा दिया. यूआईटी द्वारा नेचर हिल रिसॉर्ट को बुलडोजर से तहस नहस करवाने का वीडियो भी उस समय सामने आया था.
यह है पूरा मामला
साल 2021 में भारी मात्रा में ड्रग्स बरामदगी पर दिव्या मित्तल जांच कर रही थी और परिवादी का उसी ड्रग्स केस में नाम था. नाम हटाने की एवज में उससे ₹2 करोड़ की रिश्वत मांगी गई. जब इतनी बड़ी रकम परिवादी से मांगी गई तो परिवादी ने देने से इनकार कर दिया और कुछ कम करने के लिए बोला. दिव्या मित्तल ने उससे कहा कि यह सब्जी की दुकान नहीं है, हमें आगे तक पैसा पहुंचाना होता है. इसी तरीके से षड्यंत्र रच कर परिवादी को उदयपुर भेजा डरा धमकाकर रिश्वत की डिमांड की. लेकिन इसकी भनक लगते ही दिव्या मित्तल को गिरफ्तार कर लिया गया.
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