Baba Khatu shyam Lakkhi Mela 2025: राजस्थान में 28 फरवरी से बाबा खाटूश्याम का लक्खी मेला शुरू हो जाएगा. इस बार मेले के लिए प्रशासन ने विशेष तैयारियां की हैं. मेले में लोगों के आवागमन से लेकर निशान गुलाब के फूल चढ़ाएं जाने के नियमों में बदलाव किया है. अगर आप खाटू श्याम मेले में जाने का प्लान कर रहे हैं तो आपको इन नियमों को जरूर देखना चाहिए.
ADVERTISEMENT
इस वर्ष बाबा खाटूश्याम लक्खी मेला 28 फरवरी को शुरू होगा और 11 मार्च तक चलेगा. इस संबंध में जिला प्रशासन ने मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था की है. जिससे उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी ना हो.
इस बार क्या अलग होगा
इस वर्ष मेले में निशान की ऊंचाई निर्धारित की गई है. श्रद्धालुओं को केवल 8 फीट ऊंचे निशान के साथ ही मेला परिसर में एंट्री दी जाएगी. अगर इससे ऊंचा निशान होगा तो मेले परिसर में एंट्री नहीं दी जाएगी. इसके अलावा मंदिर में कांच की बोतलों पर रोक लगा दी गई है.
वहीं खाटू श्याम भक्त कांटेदार गुलाब के फूल भी मंदिर में नहीं ले जा सकेंगे. इसके लिए प्रशासन ने कांटेदार फूल बेचने वालों पर कार्रवाई करने का प्लान बनाया है. वहीं श्रद्धालुओं की समस्या को समाधान करने के लिए एक कंट्रोल रूम भी बनाया जाएगा. रींगस रोड से मंदिर तक DJ बैन किया गया है.
VIP दर्शन पर रहेगी रोक
मेले में VIP दर्शन पर रोक लगा दी गई है. सिर्फ सरकारी प्रोटोकॉल वाले श्रद्धालु VIP दर्शन कर पाएंगे. बाकी अन्य लोगों के लिए VIP दर्शन व्यवस्था पूरी तरह बंद रखने की व्यवस्था की गई है. इसके अलावा सुगम दर्शन के लिए QR कोड जारी किए जाएंगे. जिसकी मदद से श्रद्धालु मंदिर परिसर में आसानी से अपने नंबर आने पर दर्शन कर सकेंगे.
भीड़ मैनेजमेंट के लिए व्यवस्था
भक्तों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए प्रशासन ने रींगस से खाटू तक कारपेट बिछाने की तैयारी की है. साथ ही 14 लाइन के माध्यम से भीड़ को मैनेज कर दर्शन करवाने की व्यवस्था की गई है. एंट्री के लिए 4 लाइन कबूतर चौक और 2 लाइन गुवाड़ चौक पर रहेगी, एग्जिट के लिए 8 लाइन बनाई जाएगी.
श्रद्धालुओं की सुविधा और सुगम यातायात प्रबंधन के लिए सीकर-रींगस रोड पर मंडा मोड़ के पास एक पार्किंग क्षेत्र विकसित किया जाएगा. यहां छोटे वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था होगी, जहां से श्रद्धालुओं को विशेष बसों के माध्यम से 52 बीघा में फैले मुख्य पार्किंग स्थल तक पहुंचाया जाएगा. इस पार्किंग से आगे श्रद्धालुओं को मंदिर तक पैदल ही जाना होगा.
यातायात और पार्किंग के लिए सख्त दिशानिर्देश
मुख्य 52 बीघा पार्किंग स्थल का उपयोग केवल मिनी बसों के लिए किया जाएगा, जबकि अन्य वाहनों का यहां प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा. इसके अलावा, ई-रिक्शा सेवाओं को व्यवस्थित करने के लिए विशेष जोन बनाए जाएंगे, इन जोनों में केवल पास प्राप्त ई-रिक्शा को ही संचालन की अनुमति होगी, जबकि बिना पास वाले ई-रिक्शा जब्त किए जाएंगे.
छोटे वाहनों पर प्रतिबंध और भंडारे के लिए नए नियम
मंडा मोड़ और रींगस के खाटू मोड़ से मंदिर तक छोटे वाहनों के आवागमन को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाएगा. इसके साथ ही, भंडारे लगाने के लिए एक निर्धारित समय तय किया जाएगा. आयोजकों से भंडारा अनुमति के लिए निश्चित शुल्क लिया जाएगा, जिसका उपयोग मेला समाप्त होने के बाद सफाई और अन्य व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में किया जाएगा.
ADVERTISEMENT