Who will be the CM face of BJP?: मोदी मंत्रिमंडल और बीजेपी संगठन में फेरबदल की चर्चा जोरों पर है. जिसका असर राजस्थान पर देखने को मिल सकता है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चार नए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए. आंध्र प्रदेश में पी पुरंदेश्वरी, झारखंड में बाबूलाल मरांडी, पंजाब में सुनील जाखड़ और तेलंगाना में जी किशन रेड्डी की नियुक्ति की. साथ ही तेलंगाना विधानसभा चुनाव के राजेंद्र एटेला को चुनाव प्रबंधन संमिति के अध्यक्ष बनाया गया हैं.
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तेलंगाना के नवनियुक्त अध्यक्ष जी किशन रेड्डी कैबिनेट मंत्री भी हैं. लिहाजा एक व्यक्ति एक पद सिद्धांत के तहत अब वो मंत्री की कुर्सी छोड़ सकते हैं. इन नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति के साथ ही यह चर्चा तेज हो गई है. अब इसका असर राजस्थान की सियासत पर भी हो सकता है. केंद्र के मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना के बीच राजस्थान के कई सांसदों को भी कैबिनेट में मौका दिए जाने की चर्चा है.
साथ ही अहम बात यह भी है कि चार राज्यों में संगठन में फेरबदल किया गया. जिसके चलते अब निगाहें राजस्थान पर है. जहां इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने है. पार्टी में छिड़े फेसवॉर के बीच हर किसी की निगाहें इस पर है कि किस नेता को क्या जिम्मेदारी मिलेगी? इसी चर्चा के बीच नड्डा से कई नेता मंगलवार को मिले. केंद्रीय मंत्रियों गजेंद्र सिंह शेखावत, भूपेंद्र यादव और अर्जुन मेघवाल ने नड्डा से मुलाकात की.
इधर, वसुंधरा राजे खास तवज्जों दिए जाने से हलचल तेज
वहीं, राजे को लेकर भी कई तरह के कयास लगने शुरू हो गए हैं. 30 जून को उदयपुर दौरे के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने जिस तरह से राजे का भाषण करवाया, उससे संदेश यही गया कि केंद्रीय नेतृत्व पूर्व सीएम को साधने की जुगत में है. गौरतलब है कि उदयपुर में जनसभा को संबोधित करने के लिए अमित शाह मंच पर मौजूद थे. जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने उनके भाषण के लिए आग्रह किया. तभी मंच पर बैठे शाह ने वसुंधरा राजे को बोलने के लिए कहा. अमित शाह के कहने पर वसुंधरा ने भाषण दिया. राजे से पहले प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने भाषण दिया था, इसके बाद सीधे अमित शाह के भाषण का कार्यक्रम था. लेकिन शाह के इस इशारें को लेकर कयास लग रहे हैं.
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