गजेंद्र सिंह शेखावत से उनके ही क्षेत्र की जनता है नाराज? लोग बोले- उनका टिकट कटना चाहिए!

Gajendra singh shekhwat: आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. वहीं, अब बीजेपी कई सांसदों के टिकट बदलने को लेकर भी मंथन कर रही है. राजस्थान में भी यह बदलाव देखने को मिल सकता है. वहीं, पाकिस्तान से सटे हुए सीमावर्ती जैसलमेर (jaisalmer) जिले में भी सांसद को लेकर लोगों में काफी […]

क्या सनातन इतना बेचारा हो गया कि उसकी तुलना HIV/AIDS से करे: केंद्रीय मंत्री शेखावत

क्या सनातन इतना बेचारा हो गया कि उसकी तुलना HIV/AIDS से करे: केंद्रीय मंत्री शेखावत

विमल भाटिया

28 Jan 2024 (अपडेटेड: 28 Jan 2024, 02:12 PM)

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Gajendra singh shekhwat: आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है. वहीं, अब बीजेपी कई सांसदों के टिकट बदलने को लेकर भी मंथन कर रही है. राजस्थान में भी यह बदलाव देखने को मिल सकता है. वहीं, पाकिस्तान से सटे हुए सीमावर्ती जैसलमेर (jaisalmer) जिले में भी सांसद को लेकर लोगों में काफी नाराजगी है. जिले की एक विधानसभा जैसलमेर-बाड़मेर संसदीय क्षेत्र में आती हैं और एक विधानसभा क्षेत्र पोकरण जोधपुर संसदीय क्षेत्र में आती है. दोनों के सांसद कैलाश चौधरी (kailash chaudhary) और गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra singh shekhwat) केन्द्र में मंत्री हैं.

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मतदाताओं में गुस्सा है इस बात को लेकर है देश का विख्यात पर्यटन स्थल जैसलमेर विकास की दृष्टि से काफी पिछड़ा हुआ माना जा रहा है. जैसलमेर की जनता से जब इस संबंध में बात की तो उन्होंने खुलकर कहा कि वोट तो वे प्रधानमंत्री को ही देंगे, लेकिन जैसलमेर में आने वाले दोनो सांसदों के चेहरे बदलने चाहिए. 5 साल जो कार्य हुआ हैं, वह आधा अधूरा ही है.

क्षेत्र के कई लोगों का कहना है कि जिस तरह राजस्थान में प्रधानमंत्री ने नई पीढ़ी को महत्व देते हुए एक कार्यकर्ता भजनलाल को मुख्यमंत्री के पद पर शोभित किया हैं, इसी तरह बाड़मेर व जोधपुर दोनों संसदीय क्षेत्र में संभवतः नए चेहरों को उतारा जाना चाहिए. कई लोगों ने कहा कि जैसलमेर जिले में दो सांसद और दो केन्द्रीय मंत्री होने के बावजूद जैसलमेर जिला विकास की बांट जो रहा हैं.

किस बात से नाराज है यहां की जनता?

सभी ने एक मत से कहा कि हमनें मोदीजी को वोट दिया हैं, लेकिन दोनों सांसद यहां की जनताओं के लिए खरे नहीं उतरे हैं. केन्द्र की योजनाओं की बात छोड़ दें तो दोनों सांसद जनता के बीच नहीं जा पाए है. अधिकतर लोगों ने जैसलमेर में रेल के विकास का मुद्वा प्रमुखता से उठाया. जनता का कहना था कि जितनी भी अधिकतर ट्रेनें नई शुरू हुई हैं, वे बाड़मेर में हुई है. जैसलमेर में कोरोना के बाद जो ट्रेने जो बंद हुई, वे अभी तक वापस पुनः शुरू नहीं हो पाई है. साथ ही जैसलमेर से गुजरात के भाभर का एक रेल लाईन का सर्वे करीब 15 साल पहले हुआ था.

दरअसल, जनता की नाराजगी इस बात को लेकर है कि बाड़मेर होते हुए यह रेल लाइन आज तक अपने अंजाम तक नहीं पहुंची है और न ही रेल लाईन बिछाने के लिए किसी सांसद ने रूचि जाहिर की है. आज न तो जैसलमेर से अहमदाबाद व जयपुर के लिये कोई बेहतर रेल सेवाएं मौजूद हैं. जो वर्तमान में जयपुर से रेल सेवा चलती हैं, वह देर रात चलती हैं. उसके देर रात चलने के अजीब समय के कारण बहुत कम लोग ही इस रेल में सफर करते है. अधिकतर लोग अहमदाबाद और जयपुर की यात्रा बस के जरिए करते हैं. लोगों का कहना है कि पर्यटन की दृष्टि से जो विकास होने चाहिए और कहीं भी नजर नहीं आ रहा है.

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