चूरू के मौजूदा सांसद राहुल कस्वां (Rahul kaswan) का बीजेपी से टिकट कटने के बाद से ही सियासत गरम है. निगाहें इस बात पर हैं कि उनका अगला कदम क्या होगा? क्योंकि टिकट कटने के बाद जिस तरह से उन्होंने प्रतिक्रिया दी है उससे वह पार्टी के फैसले से सहमत नजर नहीं आ रहे. अब बड़ा सवाल यह है कि क्या वह कांग्रेस का दामन थामेंगे? अगर ऐसा हुआ तो चूरू (churu) लोकसभा सीट का परिणाम क्या होगा? राजस्थान तक ने इसे लेकर मतदाताओं से बात की.
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बता दें कि बीजेपी ने पैरा ओलंपिक में दो बार के स्वर्ण और एक बार सिल्वर मैडल विजेता देवेंद्र झाझडिया को मैदान में उतारा है. कस्वां का टिकट कटने और झाझडिया को उम्मीदवार बनाए जाने को लेकर जनता ने राय दी है.
जनता ने कहा कि इस बात से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा. चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से लड़ा जाएगा. साथ ही जो भी उम्मीदवार बीजेपी टिकट से खड़ा होगा, वहीं जीतेगा. लोगो का मानना है झाझडिया को नया चहरा होने और साफ छवि का लाभ मिलेगा. राहुल कस्वां यदि कांग्रेस से खड़े होते है तो भी बीजेपी को ज्यादा नुकसान नही पड़ेगा.
राठौड़ की विधानसभा में हार के चलते कटा टिकट?
अंदरखाने चर्चा उनकी और पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की अदावत को लेकर है. जिसके चलते कस्वां का पत्ता साफ हो गया है. क्योंकि चूरू की तारानगर सीट पर जब राठौड़ चुनाव हारे तो उसके पीछे वजह के तौर पर कस्वां का नाम ही उछला था. यह बात तब और भी मजबूत हो गई जब राठौड़ ने जयचंद वाला बयान दिया. जिससे इशारा कस्वां की ओर किया जा रहा था.
कस्वां के इस पोस्ट से लग रही हैं अटकलें
मौजूदा सांसद के टिकट कटने के बाद अब विरोध के स्वर भी दिखाई देने लगे हैं. चूरू सांसद राहुल कस्वां टिकट कटने के बाद से लगातार आहत नजर आ रहे हैं. 3 मार्च को लिस्ट का ऐलान होने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया. जिसमें उन्होंने लिखा "आप सभी संयम रखें. आगामी कुछ दिन बाद आपके बीच उपस्थित रहूंगा, जिसकी सूचना आपको दे दी जाएगी." इससे कयास लगाए जाने लगे कि वह भविष्य में कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.वहीं, आज 4 मार्च को एक और ट्वीट सामने आया है. जिसमें उन्होंने पूछ लिया कि आखिर मेरा गुनाह क्या था...? जाहिर तौर पर वह पार्टी के फैसले से नाखुश हैं.
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