जब-जब फिसली जुबां !…इन बयानों ने गुलाबचंद कटारिया को किया था परेशान…हुई थी खूब चर्चा

Gulabchand Kataria controversial Statements: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कई राज्यों में नए राज्यपाल नियुक्त किए हैं. इनमें राजस्थान से गुलाबचंद कटारिया को (Gulabchand Kataria) को असम का राज्यपाल बनाया गया है. गुलाबचंद कटारिया राजस्थान की 15वीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर हैं. उदयपुर से आने वाले कटारिया वर्तमान में राजस्थान बीजेपी […]

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ललित यादव

12 Feb 2023 (अपडेटेड: 12 Feb 2023, 07:22 AM)

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Gulabchand Kataria controversial Statements: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने रविवार को कई राज्यों में नए राज्यपाल नियुक्त किए हैं. इनमें राजस्थान से गुलाबचंद कटारिया को (Gulabchand Kataria) को असम का राज्यपाल बनाया गया है. गुलाबचंद कटारिया राजस्थान की 15वीं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद पर हैं. उदयपुर से आने वाले कटारिया वर्तमान में राजस्थान बीजेपी में सबसे सीनियर नेता हैं और बीजेपी सरकार में बड़े ओहदे पर रहे हैं. गुलाबचंद अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं.

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स्कूल टीचर से करियर की शुरूआत
गुलाबचंद कटारिया ने प्राइवेट स्कूल में टीचर से अपने करियर की शुरुआत की थी. बचपन से ही आरएसएस से जुड़ाव रहा था. कटारिया स्कूल में पढ़ाने के दौरान ही आरएसएस का काम भी करते थे. साथ ही वो आदिवासी इलाकों में जाकर आरएसएस का प्रचार भी करते थे. स्कूल में टीचर रहने के दौरान ही 1975 में इमरजेंसी लगी तो कई दिन अंडरग्राउंड रहकर भी काम किया, इमरजेंसी में जेल भी गए. कटारिया को करीब 46 वर्षों का राजनीति में अनुभव है, वह पहली बार 1977 में विधायक चुने गए थे. वहीं इनके नाम कई बयान सुर्खियों में रहे और वह विवाद में बदले. आइए आपको बताते हैं वे आपत्तिजनक बयान, जिनके बाद उन्हें परेशानी झेलनी पड़ी.

सीता माता पर दिया विवादित बयान
अपने बयानों से अक्सर चर्चा में रहने वाले नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने अप्रेल 2022 में माता सीता और रावण के बारे में एक विवादित बयान दिया. रावण और सीता से जुड़ा यह बयान खूब सोशल मीडिया पर वायरल रहा था. दरअसल, कटारिया चित्तौड़गढ़ जिले के एक कार्यक्रम में पहुंचे थे. वहां उन्होंने माता सीता पर आपत्तिजनक बयान दे दिया. उन्होंने कहा – ‘रावण ने सीता जी का अपहरण कर कोई बहुत बड़ा गुनाह नहीं किया क्योंकि उसने उन्हें छुआ नहीं’. वह बुराई को जलाने को लेकर रावण का उदाहरण दे रहे थे. इसे दौरान उन्होंने कहा कि अपने अंदर जो दुर्गुण है उनको जलाना चाहिए. रावण ने बड़ा पाप नहीं किया. रावण ने सीता को कभी कलंकित नहीं किया. वह सीता से मनुहार करता रह गया लेकिन हुआ तक नहीं.

पन्नाधाय को लेकर दिया विवादित बयान
सितबंर 2022 को उदयपुर में पन्नाधाय पार्क और मूर्ति के अनावरण के कार्यक्रम के दौरान गुलाबचंद कटारिया ने पन्नाधाय को लेकर एक विवादित बयान दिया. उन पर जातिसूचक शब्दों को इस्तेमाल कर पन्नाधाय का अपमान करने का आरोप लगा. इससे वाल्मिकी समाज ने आक्रोशित होकर कटारिया के खिलाफ मोर्चा खोला. मामले को बढ़ता देख कटारिया ने ट्वीटर पर एक वीडियो जारी कर माफी मांगी. अपने बयान में कटारिया ने कहा था कि ‘उदयसिंह को पत्तल की टोकरी में सुरक्षित ले जाने वाला कीरत हरिजन था’. इस बयान के बाद वाल्मिकी समाज के लोग विरोध में उतर आए. वाल्मिकी समाज के बताया कि कीरत वारी समाज से था और वह पत्तल-दोने बनाने और खाना बनाने का काम करता था.

महाराणा प्रताप पर दिया आपत्तिजनक बयान
अप्रेल 2021 में राजसंमद सीट पर होने वाले उपचुनाव में प्रचार के दौरान कटारिया ने महाराणा प्रताप को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया. कटारिया ने भाजपा प्रत्याशी दीप्ति माहेश्वरी के प्रचार रैला के दौरान महाराणा प्रताप पर बयान दिया. उन्होंने महाराणा प्रताप पर बोलते हुए कहा था कि ‘हमारे पूर्वज 1000 वर्षों तक लड़े. यह महाराणा प्रताप अभी गया ना, जो अपनी राजधानी और अपना घर छोड़कर एक पहाड़ी डूंगर-डूंगर रोता फिरा, किसके लिए गया था. कुछ समझ में आता है या नहीं. क्या तुम उस पार्टी के साथ जाओगे’? इस बयान के बाद कटारियों को काफी परेशान झेलनी पड़ी. इस बयान पर राजस्थान के राजपूत समाज ने कड़ा विरोध जताया था. उन्हें कई बार जान से मारने की धमकियां भी मिली.

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में भी नाम जुड़ा 
गुलाबचंद कटारिया का नाम बहुचर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर में भी जुड़ा था. इस मामले में कटारिया के साथ गृह मंत्री अमित शाह को आरोपी बनाया गया था. हालांकि अब इस मामले में सभी आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है.

BREAKING: नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया बने असम के राज्यपाल, राष्ट्रपति ने कई राज्यों के गवर्नर बदले

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