टोंक: यूरिया की किल्लत, दो कट्टे लेने के लिए घंटों लाइन में लग रहे किसान

Rajasthan News: सरसों उत्पादन में प्रदेश के दूसरे नंबर के माने जाने वाले टोंक जिले में इस वर्ष भी यूरिया को लेकर ना सिर्फ काफी किल्लत बनी हुई है बल्कि किसानों को दो कट्टे यूरिया के लिये कई घंटों लाइन में लगने के बाद भी निराशा ही हाथ लग रही है. जिले में यह हाल […]

फोटो: मनोज तिवारी

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ललित यादव

23 Nov 2022 (अपडेटेड: 28 Nov 2022, 07:48 AM)

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Rajasthan News: सरसों उत्पादन में प्रदेश के दूसरे नंबर के माने जाने वाले टोंक जिले में इस वर्ष भी यूरिया को लेकर ना सिर्फ काफी किल्लत बनी हुई है बल्कि किसानों को दो कट्टे यूरिया के लिये कई घंटों लाइन में लगने के बाद भी निराशा ही हाथ लग रही है. जिले में यह हाल उस समय बने हुए हैं जब टोंक-सवाई माधोपुर सीट से सुखबीर सिंह जौनापुरिया सांसद है साथ ही  टोंक विधायक पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट है.

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इस किल्लत से निपटने के लिये सरकार नई दिल्ली स्थित उर्वरक मंत्रालय में उच्चाधिकारियों से निरंतर संपर्क बनाये हुए हैं. हालांकि जिले को अब निरंतर हो रही यूरिया की आपूर्ति के बाद हालात कुछ सामान्य होने लगे हैं लेकिन टोंक व उनियारा ब्लॉक के किसानों को अभी भी मांग के अनुसार यूरिया की आपूर्ति नहीं हो रही है.

किसानों का कहना है कि देरी से और कम मात्रा में हो रही यूरिया की आपूर्ति के चलते उनकी सरसों व गेहूं की फसल प्रभावित होने का अंदेशा है. किसान इस बात को लेकर भी काफी परेशान हैं कि उन्हें अपने खेतों में काम करने के समय में दो कट्टे यूरिया के लिये घंटों के लाइन में लगना पड़ रहा है. साथ ही पुलिस की लाठियां खानी पड़ रही हैं.

इधर कृषि विभाग के उपनिदेशक राधेश्याम मीणा का कहना है पूरे राजस्थान में सितंबर माह में 4 लाख मैट्रिक टन की जगह प्रदेश में सिर्फ 2 लाख मैट्रिक टन ही यूरिया ही मिल पाया था. जिसका असर टोंक जिले की आपूर्ति पर भी देखने को मिला है और जिले के लिये सितंबर से लेकर दिसंबर तक के लिये की गयी 35 हज़ार मैट्रिक टन यूरिया की मांग के विपरित अभी तक 27 हजार मैट्रिक टन की ही यूरिया की आपूर्ति हुई है. उप निदेशक मीणा की मानें तो आगामी एक हफ्ते में यूरिया की आपूर्ति पूरी तरह से सामान्य हो जायेगी.

कंटेंट: मनोज तिवारी

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