टोंक: क्या फेस वार पायलट को अपने ही गढ़ में पड़ेगा भारी? जानें पत्रकारों की राय

Muslims angry with Sachin Pilot in Tonk? राजस्थान (rajasthan news) की सियासत में इस बार कांग्रेस (rajasthan congress) और बीजेपी (rajasthan bjp) के बीच मुकाबला रोचक होता जा रहा है. कांग्रेस जो सत्ता में है एंटी सत्ता विरोधी लहर का सामना करते हुए अपनी योजनाएं और काम को बताकर वापसी करना चाहती है. वहीं परंपरा […]

Muslims angry with Sachin Pilot in Tonk? टोंक: क्या फेस वार पायलट को अपने ही गढ़ में पड़ेगा भारी? जानें पत्रकारों की राय
Muslims angry with Sachin Pilot in Tonk? टोंक: क्या फेस वार पायलट को अपने ही गढ़ में पड़ेगा भारी? जानें पत्रकारों की राय

राजस्थान तक

28 Sep 2023 (अपडेटेड: 28 Sep 2023, 10:03 AM)

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Muslims angry with Sachin Pilot in Tonk? राजस्थान (rajasthan news) की सियासत में इस बार कांग्रेस (rajasthan congress) और बीजेपी (rajasthan bjp) के बीच मुकाबला रोचक होता जा रहा है. कांग्रेस जो सत्ता में है एंटी सत्ता विरोधी लहर का सामना करते हुए अपनी योजनाएं और काम को बताकर वापसी करना चाहती है. वहीं परंपरा के तहत अल्टरनेट सरकार की थीम पर बीजेपी कांग्रेस की नाकामियों को गिनाकर खुद के सिर पर जीत का सेहरा बांधना चाहती है. इधर सत्तासीन कांग्रेस के विधायकों और सरकार के प्रति जनता की नाराजगी और तारीफों के मीटर में भी पारा अप-डाऊन हो रहा है.

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इसी कड़ी में राजस्थान तक ने पायलट (sachin pilot) के गढ़ टोंक (tonk assembly) जिले में पत्रकारों के जरिए जनता की नब्ज टटोलनी चाही. अलग-अलग मीडिया संस्थानों से जुड़े और लंबे समय से टोंक और राजस्थान की राजनीति पर नजर रखने वाले पत्रकारों का दावा है कि कांग्रेस में फेस वार का असर सचिन पायलट की सीट पर देखा जा रहा है.

काम के आधार पर

पत्रकारों की राय है कि काम के आधार पर देखा जाए तो टोंक विधानसभा में पायलट के प्रति लोगों की नाराजगी दिख रही है. टोंक के लिए बड़ा चेहरा पायलट थे. टोंक के विकास के नाम पर आरयूडीपी ने जिस तरह से सड़कों का हाल किया है. खासतौर से मुस्लिम क्षेत्र में ये कांग्रेस को डैमेज कर सकते हैं. सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुझसे मांगो मैं सबकुछ दूंगा. पायलट मांग नहीं पाए और गहलोत दे नहीं पाए. खामियाजा टोंक को उठाना पड़ा. स्थानीय पत्रकारों की मानें तो समय रहते यदि पायलट इस नाराजगी को दूर नहीं कर पाएंगे तो इसका खामियाजा भी पायलट और कांग्रेस को उठाना पड़ सकता है.

काम के आधार पर निवाई औव्वल

स्थानीय पत्रकारों के मुताबिक काम के आधार पर निवाई विधानसभा सीट टोंक, देवली-उनियारा और मालपुरा के मुकाबले औव्वल रहा है. टोंक, देवली-उनियारा और मालपुरा में कंडीशन पहले जैसी है. यानी योजनाएं बहुत कम लागू हो पाईं. विधायक हरीश मीणा का देवली-उनियारा में बहुत ज्यादा विरोध है. स्थानीय मुद्दा देवली-उनियारा हावी है. मुस्लिम वार्ड एकतरफा कांग्रेस में हैं वो कहीं न कहीं विरोध में आ सकते हैं यदि उन्हें समय रहते नहीं देखा गया. मालपुरा में भी तीन महीने में से व्यास सर्किल पर धरना चल रहा है उसका खामियाजा कांग्रेस को भुगतना पड़ सकता है.

वीडियो में देखें पत्रकारों ने जातिगत आधार पर क्या समीकरण बताया

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