उदयपुर: BJP में बड़ी बगावत! टिकट कटने से नाराज दावेदार का असम राज्यपाल कटारिया पर हमला

Udaipur assembly seat’s BJP candidate: बीजेपी (BJP) की दूसरी लिस्ट जारी होने के चंद घंटों में ही विरोध नजर आने लगा. टिकट वितरण के बाद अब उदयपुर (udaipur) शहर में बड़ी बगावत सामने आई है. जहां नगर निगम में उपमहापौर पारस सिंघवी टिकट वितरण से बेहद नाराज हैं. दरअसल, राजस्थान विधानसभा चुनाव में उदयपुर शहर […]

Rajasthan Election 2023: कौन होगा गुलाबचंद कटारिया का उत्तराधिकारी, उदयपुर से भाजपा किसे देगी टिकट?
Rajasthan Election 2023: कौन होगा गुलाबचंद कटारिया का उत्तराधिकारी, उदयपुर से भाजपा किसे देगी टिकट?

Satish Sharma

• 06:06 AM • 22 Oct 2023

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Udaipur assembly seat’s BJP candidate: बीजेपी (BJP) की दूसरी लिस्ट जारी होने के चंद घंटों में ही विरोध नजर आने लगा. टिकट वितरण के बाद अब उदयपुर (udaipur) शहर में बड़ी बगावत सामने आई है. जहां नगर निगम में उपमहापौर पारस सिंघवी टिकट वितरण से बेहद नाराज हैं. दरअसल, राजस्थान विधानसभा चुनाव में उदयपुर शहर सीट से बीजेपी के प्रत्याशी का नाम चौंकाने वाला है. पार्टी ने पहले गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल बनाया और अब उनके विरोधी माने जाने वाले ताराचंद जैन को यहां से टिकट दे दिया.

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इससे पहले कई दिग्गज दावेदारों में प्रबल दावेदार डिप्टी मेयर पारस सिंघवी को माना जा रहा था. अब टिकट नाराजगी के चलते असम के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया पर बड़ा हमला किया. उन्होंने अपने टिकट कटने के पीछे कहीं ना कहीं कटारिया को ही जिम्मेदार ठहरा दिया.

सिंघवी ने कहा “संवैधानिक पद पर बैठे कटारिया उदयपुर की राजनीति को दूषित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कटारिया का भाग्य प्रबल रहा है. वो कम उम्र में ही विधायक बन गए थे. लेकिन किरण माहेश्वरी, रणधीर सिंह भिंडर, धर्म नारायण जोशी, भवानी जोशी और मांगीलाल जोशी को छला है.” यही नहीं, सिंघवी भाषण देते-देते 3 बार रो भी दिए. असल में यह नाम इसलिए भी चौंकाने वाला है क्योंकि पार्टी ने पहले गुलाबचंद कटारिया को राज्यपाल बनाया तो माना जा रहा था कि पार्टी उनके किसी खास नेता को चुनाव लड़ाएगी. लेकिन उनके विरोधी गुट के ताराचंद जैन को टिकट दे दिया गया.

चुनाव से 8 महीने पहले असम राज्यपाल बने कटारिया

बता दें चुनाव से करीब 8 महीने पहले राजस्थान के दिग्गज बीजेपी नेता और उदयपुर शहर से विधायक गुलाबचंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया गया था. इसके बाद उदयपुर सीट पर उम्मीदवार का चयन बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन गया था. इस सीट पर टिकट वितरण में गुलाब चंद कटारिया की एक नहीं चली. अब स्थिति स्पष्ट होने के बाद साफ है कि उन्हें राज्यपाल बनाकर उनके सियासी दबदबे पर पूरी तरह से विराम लगाने के लिए पटकथा एक पटकथा काफी पहले से लिखी जा रही थी.

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