फर्ज करिए...रेलवे ट्रैक पर 180 की रफ्तार से ट्रेन दौड़ रही हो और आपको पता भी न चले...ऐसा भला हो सकता है. 120 की रफ्तार पर ही बोगियां जंप करने लगती हैं. ट्रेन में चाय पीते वक्त छलककर ऊपर गिरने का डर सताने लगता है. फिर 180 की रफ्तार पर क्या होगा? एक वीडियो देखकर आप जरूर चौंक जाएंगे. इस वीडियो में साफ दिख रहा है कि वंदे भारत की स्लीपर कोच 180 किमी की रफ्तार से ट्रैक पर दौड़ रही है. चाय तो छोड़िए पानी से भरे दो गिलास पर एक तीसरा गिलास रखा हुआ है...उसमें भी पानी है और पानी की एक बूंद भी नीचे नहीं गिर रही है.
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पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में स्वदेशी तकनीक से बने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के एडिशन-2 का ट्रायल किया गया. ट्रायल के दौरान इस ट्रेन को कोटा से नागदा खंड के बीच दौड़ाया गया. ट्रेन 180 की स्पीड पर थी. एक कोच में पानी से भरे दो शीशे के गिलास रखे गए. उनके ऊपर एक तीसरा गिलास पानी से भरा रखा गया. पास में मोबाइल के जरिए ट्रेन की स्पीड को ट्रैक किया गया. ट्रेन 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा से बातें करने लगी फिर भी पानी से भरे गिलास से पानी बाहर नहीं छलका. ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.
ट्रेन का हाईस्पीड ट्रायल सफल रहा- रेलवे
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन को हाई स्पीड पर सफल ट्रायल किया गया. ये बात भारतीय रेलवे की आत्मनिर्भता और मॉडर्न टेक्नीक को दिखाता है. इस ट्रायल के दौरान ट्रेन की स्टेबिलिटी, दोलन, बाइब्रेशन, इमर्जेंसी ब्रेक सिस्टम, सिक्योरिटी सिस्टम के अलावा अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर परीक्षण किया गया.
ट्रायल सक्सेज, अब आगे क्या?
सौरभ जैन ने बताया कि हाई स्पीड के दौरान ट्रेन का ट्रायल संतोषजनक रहा. मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त जनक कुमार गर्ग की मौजूदगी में हुए इस ट्रायल के दौरान मंडल रेल प्रबंधक अनिल कालरा सहित मंडल के वरिष्ठ शाखा अधिकारी और अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन इंटीग्रल कोच फैक्ट्री, चेन्नई, मेधा सर्वो ड्राइव्स लिमिटेड तथा फेवली इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के अधिकारी भी मौजूद रहे.
वंदे भारत स्लीपर कोच में क्या है खास?
वंदे भारत का रनिंग ट्रायल 16 स्लीपर कोच के साथ किया गया. इन कोच को लंबी दूरी की यात्रा को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है. बर्थ को आरामदायक रखने की कोशिश की गई है. ट्रेन के डिब्बों के सस्पेंशन को आधुनिक टेक्नोलॉजी पर रखा गया है जिससे हाई स्पीड पर भी उनकी स्टेबिलिटी बनी रहे. ट्रेन के डिब्बों को ऑटोमैटिक डोर, सीसीटीवी, डिजिटल इन्फोर्मेशन सिस्टम से लैस किया गया है.
यहां देखिए वीडियो
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