राजस्थान में कब होंगे पंचायत-निकाय चुनाव? हाईकोर्ट की डबल बेंच ने क्या फैसला सुनाया?

Rajasthan Panchayat Elections: राजस्थान में पंचायतीराज और नगरीय निकाय चुनावों को लेकर चल रहा विवाद अब और गहरा गया है. राजस्थान हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है.

Rajasthan Panchayat Elections
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ललित यादव

• 03:57 PM • 27 Aug 2025

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Rajasthan Panchayat Elections: राजस्थान में पंचायतीराज और नगरीय निकाय चुनावों को लेकर चल रहा विवाद अब और गहरा गया है. राजस्थान हाईकोर्ट की डबल बेंच ने सिंगल बेंच के उस आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है. जिसमें सरकार को जल्द से जल्द चुनाव कराने और प्रशासकों को हटाने का निर्देश दिया गया था. इस फैसले के बाद राज्य में पंचायत चुनावों की प्रक्रिया पर अनिश्चितता के बादल छा गए हैं.

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क्या था सिंगल बेंच का आदेश?

18 अगस्त 2025 को जस्टिस अनूप धांद की सिंगल बेंच ने एक महत्वपूर्ण आदेश दिया था. इसमें सरकार को तुरंत पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव कराने के निर्देश दिए गए थे. साथ ही, ग्राम पंचायतों में नियुक्त प्रशासकों को हटाने का भी आदेश दिया गया. इस फैसले के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने चुनाव की तारीखों की घोषणा की तैयारी शुरू कर दी थी.

डबल बेंच ने क्यों लगाया स्टे?

राज्य सरकार ने सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ डबल बेंच में अपील दायर की गई. महाधिवक्ता राजेंद्र प्रसाद और अतिरिक्त महाधिवक्ता कपिल प्रकाश माथुर ने सरकार की ओर से दलीलें पेश कीं. जिसमें तर्क दिया गया कि इसी तरह की एक जनहित याचिका पर पहले से ही एक अन्य डबल बेंच सुनवाई कर चुकी है और अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. ऐसे में सिंगल बेंच का हस्तक्षेप अनुचित था.

मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस संजीव प्रकाश शर्मा और जस्टिस संजीत पुरोहित की डबल बेंच ने सरकार की दलीलों को स्वीकार करते हुए 18 अगस्त के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी.

परिसीमन पर असर

हाईकोर्ट के इस अंतरिम आदेश से राज्य निर्वाचन आयोग के सामने नई चुनौतियां खड़ी हो गई हैं. आयोग ने 22 अगस्त को पुराने परिसीमन के आधार पर मतदाता सूचियां बनाने का शेड्यूल जारी किया था. अब डबल बेंच के फैसले के बाद इस कार्यक्रम में बदलाव की संभावना बढ़ गई है.

जानकारों का कहना है कि नए परिसीमन के आधार पर पंचायतों और निकायों का पुनर्गठन हो चुका है, लेकिन कोर्ट के फैसले के बाद आयोग को अपने कार्यक्रम पर फिर से विचार करना पड़ सकता है. इस बीच, मौजूदा निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता का कार्यकाल अगले महीने समाप्त हो रहा है, जिससे चुनावी प्रक्रिया और भी प्रभावित हो सकती है.

सरकार बनाम आयोग

हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने तुरंत चुनाव की घोषणा की तैयारी की थी. वहीं सरकार का कहना है कि वह वन स्टेट, वन इलेक्शन के तहत विधानसभा, निकाय और पंचायत चुनाव एक साथ कराने पर विचार कर रही है.

ऐसे में सरकार और चुनाव आयोग के बीच टकराव की स्थिति बन गई थी. अब डबल बेंच के फैसले ने सरकार को राहत दी है लेकिन पंचायत चुनाव की तारीखें कब तय होंगी, इस पर असमंजस कायम है. इस मामले पर डबल बेंच का अंतिम फैसला सुरक्षित रख लिया है. अब सभी की नजरें कोर्ट के फाइनल फैसले पर टिकी है. 

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