राजस्थान में 3 जुलाई से विधानसभा सत्र शुरू (rajasthan assemblu budget session 2024) होने वाला है. जहां सरकार को सदन में घेरने के लिए विपक्ष तैयारी में जुटा है. लोकसभा चुनाव में 11 सीटें गवांने के बाद सबसे ज्यादा जो चर्चा थी वो ये कि राज्य के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा (Dr. kirodi lal meena) अपने बयान के मुताबिक इस्तीफा देंगे या नहीं. इसी बीच डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने एक और बयान दे दिया है जो काफी चर्चा में है. इस बार किरोड़ी लाल मीणा ने इस्तीफा नहीं बल्कि राजनीति से सन्यास ले लेने का दावा किया है.
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यहां क्लिक करके सुनें किरोड़ी मीणा का पूरा बयान
राज्य में बिजली कटौती विपक्ष के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है. वहीं सोमवार को एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें राजस्थान सरकार में वन मंत्री संजय शर्मा का इलाज मोबाइल टॉर्च की रौशनी में किया जा रहा है. दरअसल वनमंत्री संजय शर्मा की तबीयत अचानक खराब हो गई. तब वे अलवर पहुंचे थे. अलवर जिला अस्पताल में वे पहुंचे और इलाज जैसे ही शुरू हुआ तभी लाइट चली गई. ऐसे में मोबाइल की रौशनी में उनका इलाज करना पड़ा.
बिजली संकट के बीच मोबाइल के उजाले में हुआ राजस्थान के वन मंत्री का इलाज, Video वायरल
पूर्व BJP जिला अध्यक्ष ने हार का ठीकरा संगठन पर फोड़ा
राज्य की 25 लोकसभा सीटों में से 11 सीटें गवांने के बाद बीजेपी के नेताओं के बीच ही ठन गई है. दौसा के पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष ने हार के लिए संगठन को जिम्मेदार माना है और इस्तीफे की मांग कर रहे हैं. उधर दौसा लोकसभा सीट बीजेपी के हाथों से चली गई. इसके बाद से कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा से विपक्ष लगातार इस्तीफा मांग रहा है. इसी बीच टोंक में किरोड़ी लाल मीणा एक और बयान देकर विपक्षियों के निशाने पर आ गए हैं.
पहले ही वे दौसा सीट हारने पर इस्तीफा दे देने की बात कह फंस चुके हैं. इस बार किरोड़ी लाल मीणा ने यहां तक कह दिया कि कोई सांसद हरीश मीणा का मोबाइल नंबर ले आए तो मैं राजनीति से सन्यास ले लूंगा.
BJP प्रत्याशी कोली का भी बड़ा आरोप
इधर भरतपुर लोकसभा सीट हारने के बाद भाजपा प्रत्याशी रामस्वरूप कोली ने हार का ठीकरा भाजपा संगठन और भाजपा विधायकों पर फोड़ दिया.
बीजेपी विधायक ने भी लगाया ये आरोप
भरतपुर में वैर से भाजपा विधायक बहादुर कोली ने कहा कि कन्यादान योजना का लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है. यदि अधिकारियों को कन्यादान चढ़ाया जाता है तभी काम होता है. इस योजना का लाभ लेने के लिए लोगों की चप्पल घिस जाती है.
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