जगदीप धनखड़ ने रहने के लिए अभय सिंह चौटाला के फार्म हाउस को ही क्यों चुना? 42 साल पुरानी है इसके पीछे की कहानी

Jagdeep Dhankhar News: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आधिकारिक उपराष्ट्रपति निवास छोड़ने के 42 दिनों बाद दिल्ली के छतरपुर एन्क्लेव में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) प्रमुख अभय सिंह चौटाला के फार्म हाउस में रहने का फैसला किया है.

NewsTak

ललित यादव

03 Sep 2025 (अपडेटेड: 03 Sep 2025, 03:47 PM)

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Jagdeep Dhankhar News: पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आधिकारिक उपराष्ट्रपति निवास छोड़ने के 42 दिनों बाद दिल्ली के छतरपुर एन्क्लेव में इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) प्रमुख अभय सिंह चौटाला के फार्म हाउस में रहने का फैसला किया है. सरकार ने उन्हें नया बंगला आवंटित किया है, लेकिन यह अभी निर्माणाधीन है और तैयार होने में तीन महीने लगेंगे. तब तक धनखड़ ने चौटाला के फार्म हाउस को अपना अस्थायी ठिकाना बनाया है.

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40 साल पुराना धनखड़-चौटाला रिश्ता

जगदीप धनखड़ और चौटाला परिवार का रिश्ता चार दशक पुराना है. 1989 में हरियाणा के दिग्गज जाट नेता और तत्कालीन मुख्यमंत्री चौधरी देवीलाल ने राजस्थान के इस युवा वकील को एक उभरता हुआ लीडर कहा था. 1989 में देवीलाल के जन्मदिन पर आयोजित रैली में राजस्थान से करीब 500 गाड़ियां लाकर धनखड़ ने सभी का ध्यान खींचा था. 

देवीलाल ने धनखड़ को 1989 के लोकसभा चुनाव में झुंझुनू सीट से जनता दल का टिकट दिया और उनके लिए प्रचार भी किया. इस चुनाव में धनखड़ की जीतकर पहली बार लोकसभा पहुंचे. जनता दल की सरकार बनने पर देवीलाल उप-प्रधानमंत्री बने और धनखड़ को केंद्रीय संसदीय कार्य राज्य मंत्री बनाया गया.

देवीलाल के प्रति वफादारी

1990 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह और देवीलाल के बीच मतभेद हुए तो धनखड़ ने देवीलाल का साथ देते हुए केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था. बाद में चंद्रशेखर की सरकार में देवीलाल के फिर से उप-प्रधानमंत्री बनने पर धनखड़ भी संसदीय कार्य राज्य मंत्री बने. 

1991 में जनता दल छोड़ने के बाद धनखड़ ने कांग्रेस जॉइन की और अजमेर से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. 1993 में वे किशनगढ़ से कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने. उसी चुनाव में देवीलाल के पोते अजय सिंह चौटाला ने INLD के टिकट पर नोहर सीट जीती थी. धनखड़ 21 दिसंबर 2024 को INLD प्रमुख और देवीलाल के बेटे ओम प्रकाश चौटाला के निधन पर धनखड़ सबसे पहले शोक जताने वालों में शामिल थे.

उपराष्ट्रपति पद से अचानक दिया इस्तीफा 

21 जुलाई 2025 को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से अचानक इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया था. जिसके बाद अभय चौटाला ने इसे साजिश बताया था और उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर लिखा, 'भाजपा किसानों की बात करने वाले नेता को बर्दाश्त नहीं कर सकती. धनखड़ जी को इस्तीफा दिलवाया गया है."

अभय चौटाला ने खुद फोन करके दिया न्योता!

धनखड़ के फार्म हाउस में शिफ्ट होने के बारे में अभय चौटाला ने बताया कि जब मुझे पता चला कि धनखड़ जी का नया घर तैयार नहीं है तो मैंने उन्हें फोन कर अपने फार्म हाउस पर आने को कहा. यह हमारे परिवार के प्रति सम्मान है. धनखड़ ने इस न्योते को विनम्रतापूर्वक स्वीकार किया. 
 

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