यदि आपको पता चले कि किसी बीमारी में एक ही इंजेक्शन 17 करोड़ 50 लाख की कीमत वाला है तो आपका क्या रिएक्शन होगा. मरीज के परिवार वालों के पांवों तले तो जमीन ही खिसक जाएगी. सारी उम्मीदें नाउम्मीद होने लगेंगी. कुछ ऐसा ही हुआ राजस्थान पुलिस के इस्पेक्टर के साथ. जब उन्हें पता चला कि 2 साल के बच्चे हृदयांश की जान 17 करोड़ 50 लाख रुपए के इंजेक्शन से बचेगी. पहले तो ये सुनते ही परिवार टूट गया पर हिम्मत नहींं हारी और आखिरकार जयपुर में वो इंजेक्शन अमेरिका से मंगा ही लिया गया. ये इंजेक्शन मासूम को लग भी गया. राजस्थान तक आपको बता रहा है इस इंजेक्शन के पीछे फंडिंंग, इंजेक्शन और बीमारी के बारे में. साथ ही ये भी कि इसकी कीमत इतनी ज्यादा क्यों है?
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राजस्थान की राजधानी जयपुर (Jaipur news) में अमेरिका से एक ऐसा इंजेक्शन मंगाया गया जिसकी कीमत (Zolgensma Injection Price in India) करोड़ों में है. इस एक इंजेक्शन को बच्चे को लगाया गया. 2 साल का बच्चा एक दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (spinal muscular atrophy) से जूझ रहा है. इस बच्चे को 17.50 करोड़ का इंजेक्शन 'जोल जेन्स्मा' (Zolgensma) अमेरिका से मंगाया गया.
एक परिवार के लिए इतनी बड़ी धनराशि का इंतजाम भला कैसे हो पाता. ऐसे में क्राउड फंडिंग का सहारा लिया गया. इसमें इंडियन क्रिकेटर्स से लेकर बड़े नेताओं, अधिकारियों और बिजनेसमैन ने मदद की.
जयपुर के जेके लोन अस्पताल के रेयर डिजीज के इंचार्ज डॉ. प्रियांशु माथुर और उनकी टीम ने बच्चे को यह इंजेक्शन लगाया. बच्चे को इंजेक्शन (world's most expensive drug) लगने के बाद 24 घंटे तक ऑब्जर्वेशन में रखा गया. इसके बाद अगले 2 महीने तक दवाएं चलेंगी और बच्चा ठीक हो जाएगा.
क्या है स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (spinal muscular atrophy treatment)
स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक दुर्लभ बीमारी है जो 2 से 4 साल के बच्चों में देखी जाती है. इस बीमारी के कारण बच्चों के मसल्स में कमजोरी आती है और सांस रुकने की संभावना बनी रहती है. देश में अभी तक करीब 3500 बच्चों करोड़ों रुपए वाला ये इंजेक्शन लग चुका है. इस इंजेक्शन से लगभग सभी बच्चों की जान भी बचाई जा चुकी है.
इस बीमारी का ऐसे पता चला
बच्चे के पिता राजस्थान पुलिस में इंस्पेक्टर हैं. जब बच्चा 6 महीने बाद अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पा रहा था तब इस दुर्लभ बीमारी के बारे में पता चला. पता चला कि इस बीमारी के लिए 17.50 करोड़ का इंजेक्शन (Why is Zolgensma so expensive) लगता है. ये सुनते ही परिवार पूरा टूट गया. हालांकि बच्चे के पैरेंट्स ने हिम्मत नहीं हारी और सोशल मीडिया पर इसके लिए मुहिम चलाया. अपने कलेजे के टुकड़े को बचाने के लिए पैरेंट्स ने दिन-रात एक कर दिया.
ऐसे मिलने लगी मदद
राजस्थान के कई सरकारी कर्मचारियों ने अपनी सैलेरी बच्चे के लिए डोनेट की. विधायकों ने अपने कोष से मदद की. साथ ही राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी मदद के लिए मंत्रियों ने पत्र लिखे थे. भारतीय क्रिकेटर दीपक चाहर और सरफराज खान ने वीडियो जारी कर दिया और मदद के लिए आगे आए. क्राउड फंडिंग से 9 करोड़ रुपए ही जमा हुए हैं. इधर अमेरिकी कंपनी ने भी बच्चे के इलाज में मदद देते हुए इंजेक्शन की रकम को 4 किश्तों में देने की छूट दे दी है.
इंतना महंगा क्यों है Zolgensma Injection
अब सवाल ये है कि ये इंजेक्शन इतना महंगा क्यो है? दरअसल इस इंजेक्शन पर भारत सरकार करीब एक भारी-भरकम टैक्स लेती है जिसे सरकार द्वारा केस माफ भी किया जाता है. ये इंजेक्शन स्विटजरलैंड की कंपनी नोवार्टिस बनाती है. इस इंजेक्शन से जेनेटिक बीमारी को ठीक किया जाता है जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी एक दूसरे से ट्रैवल करती है. इस इंजेक्शन का एक डोज उस जीन को रिप्लेस कर देती है जिसकी खराबी के कारण स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी होती है. ये मेडिकल वर्ल्ड की एक बड़ी खोज है. कंपनी ने इसकी कीमत 16 करोड़ के करीब रखी है.
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