राजस्थान के सबसे युवा नेता और शिव विधानसभा से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी (MLA ravindra singh bhati) फिर चर्चा में हैं. इस बार भी वे अपने अलग अंदाज के चलते वाहवाही लूट रहे हैं. शिव (sheo assembly) विधानसभा सीट से निर्दलीय ताल ठोंककर कांग्रेस और बीजेपी के प्रत्याशियों को हराने वाले रविंद्र बुधवार को विधानसभा की कार्यवाही के बाद जैसे ही बाहर निकले तो उन्हें एक दिव्यांग मिल गया.
ADVERTISEMENT
सड़क पर बैठे दिव्यांग को देख भाटी रुक गए. अपनी गाड़ी से नीचे उतरे और उससे आत्मीयता से बातचीत करने लगे. यह नजारा देखकर पास खड़े पुलिसकर्मी और लोग देखते रह गए. दिव्यांग वीर सिंह को अपनी गाड़ी में बैठाकर रविंद्र (ravindra bhati) अपने सरकारी पर ले गए. जहां पर भाटी ने वीरसिंह की समस्या को पूरी तसल्ली से सुना और फिर समस्या के समाधान की कार्रवाई हाथों-हाथ शुरू कर दी.
क्या है दिव्यांग की समस्या?
दिव्यांग वीर सिंह 2022-23 की अध्यापक भर्ती में चयनित हुआ और उसे जयपुर जिला आवंटित किया गया था. वीरसिंह ने चिकित्सा मंत्री के नाम एक ज्ञापन भी लिखा है, जिसमें बताया है कि जिला परिषद जयपुर उसे नियुक्ति नहीं दे रहा है. जिला परिषद से उससे कहा कि मेडिकल बोर्ड ने आपको अपात्र करार दिया है. वीर सिंह ने रविंद्र भाटी को बताया कि वह एलडी श्रेणी का दिव्यांग है. उसके पास 60 प्रतिशत दिव्यांगता का सर्टिफिकेट भी है. वो अध्ययन करवाने में भी सक्षम है, लेकिन उसकी कोई नहीं सुन रहा. इसी वजह से वह जयपुर में नेताओं के चक्कर लगा रहा है.
विधायक भाटी ने चिकित्सा मंत्री को लिखा पत्र
विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने बताया कि दिव्यांग वीर सिंह की समस्या सुनने के बाद कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है. चिकित्सा मंत्री के नाम एक पत्र भी लिखा है. भाटी ने कहा कि वीर सिंह को इस बात का आश्वासन दिया है कि वे पूरे तरीके से हर संभव मदद करेंगे.
यह पहला मौका नहीं हैं जब भाटी इस तरीके से किसी का दिल जीत रहे हों. इससे पहले भी कई बार मोबाइल फोन पर जब लोग अपनी समस्या बताते हैं तो भाटी उसका समाधान तुरंत करवा देते हैं. यही बात भाटी को बाकी विधायकों से अलग बनाती है.
ADVERTISEMENT