बीतें 21 अप्रैल को राजस्थान के बांसवाड़ा (Banswara) जिले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने बीजेपी की जनसभा को संबोधित किया. बांसवाड़ा-डूंगरपुर लोकसभा सीट से प्रत्याशी महेंद्रजीत सिंह मालवीया (Mahendra Jeet Singh Malviya) के समर्थन में दिए उनके बयान पर सियासत मच गई है. भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के प्रत्याशी राजकुमार रोत ने बीजेपी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि बीजेपी की सभा में आदिवासियों को गाली देने का काम किया गया. आदिवासी अलग और वनवासी अलग, ऐसा कहा गया. बीजेपी ने आदिवासी समाज को दो फाड़ में करने की कोशिश की है.
ADVERTISEMENT
बता दें कि मोदी ने बयान दिया था "कांग्रेस ने हमेशा दलितों को डराया, कभी आदिवासियों को डराया, कभी अल्पसंख्यकों को डराया. आज भी ये कभी लोकतंत्र को लेकर, संविधान को लेकर, आरक्षण को लेकर भांति-भांति का झूठ फैला रहे हैं, भांति-भांति का डर फैला रहे हैं. भारत डर से आगे निकल चुका है, इसलिए इनका डर का झूठ नहीं चल पा रहा है."
मोदी का वो बयान, जिस पर सियासत तेज!
मोदी ने बयान दिया था "इन दिनों जो कांग्रेस को छोड़कर बाहर निकले हैं, वो एक बात गंभीरता से बताते हैं, कांग्रेस अब कांग्रेस नहीं रही है. अब कांग्रेस अर्बन नक्सलों के कब्जे में चली गई है. कांग्रेस अब वामपंथियों के चंगुल में फंस चुकी है. हमारे एक मित्र ने उनसे पूछा कि आप ये कैसे कहते हैं. उन्होंने कहा कि इस बार का कांग्रेस का घोषणापत्र देख लीजिए. कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में जो कहा है, वो गंभीर चिंता का विषय है. ये माओवाद की सोच को धरती पर उतारने की उनकी कोशिश है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस की सरकार बनेगी तो हर एक की प्रॉपर्टी का सर्वे किया जाएगा."
पीएम ने कांग्रेस की घोषणा की आलोचना करते हुए कहा कि हमारी बहनों के पास सोना कितना है, इसकी जांच की जाएंगी. हमारे आदिवासी परिवार में चांदी होती है, इसका हिसाब लगाया जाएगा. आपकी संपत्ति को सरकार को ऐंठने का अधिकार है क्या?
पीएम ने आगे बोलते हुए कहा था कि ये गोल्ड आपसे ले लेंगे, उसको वितरित कर देंगे. पहले जब उनकी सरकार थी तो उन्होंने कहा था कि पहला अधिकार मुसलमानों का है. इसका मतलब ये संपत्ति इकठ्ठी करके किसको बांटेंगे, घुसपैठियों का बांटेंगे.
ADVERTISEMENT