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dearness relief camp: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में महंगाई राहत कैंप चला रहे हैं. जनता तक अपनी योजनाओं को लेकर पहुंच रहे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चाहते हैं कि महंगाई राहत कैंप के माध्यम से कुछ राहत मिल जाए. उन्होंने कैंप के प्रभारी भी नियुक्त किए गए हैं जिससे वे कैंप की मॉनिटरिंग भी कर सकें.
दौसा जिले के सिकराय विधानसभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत पिलोड़ी से प्रशासन की पोल खोलने वाली तस्वीर राजस्थान तक के कैमरे में कैद हुई है. राजस्थान तक की टीम राजकीय स्कूल पिलोड़ी में पहुंची तो वहां पर महंगाई राहत कैंप में राहत देने के लिए लगाए गए कर्मचारी नदारद मिले. हालांकि रजिस्ट्रेशन काउंटर पर बैठने वाले कर्मचारी वहां मौजूद थे. पशु पालन विभाग के कर्मचारी वहां बैठे थे. तो डेरी से संबंधित कर्मचारी भी वहां मौजूद थे, लेकिन इसके अलावा वहां किसी भी विभाग का कर्मचारी मौजूद नहीं था.
जब हमने वहां बैठे कर्मचारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि हमें पता नहीं यह लोग कहां गए हैं. हम तो यहां बैठे हैं. जब इस बारे में हमने शिविर प्रभारी से बात की तो उन्होंने कहा कि पता नहीं कहां गए हैं. कार्रवाई करेंगे जो लोग बिना सूचित किए हुए शिविर छोड़ गए हैं. सवाल यही उठता है कि जब शिविर प्रभारी को ही पता नहीं है कि कर्मचारी कहां गए. इससे यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भले ही राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जनता को महंगाई से राहत देने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इसी कोशिश में उन्हें के अधिकारी सेंध लगा रहे हैं.
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