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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी अपनी सरकारी योजनाओं को लेकर प्रदेश के लाभार्थियों से संवाद कर रहे थे, लेकिन ये क्या…योजनाओं का लाभ लेने वाले लाभार्थी ही लापता हो गए। बूंदी जिले में तो प्रोग्राग के लिए लगाई गई कुर्सियां तक नहीं भर पाईं, ज्यादातर कुर्सियां खाली ही दिखीं। और तो और भीड़ जुटाने के लिए मनरेगा में काम करने वाली महिला मजदूरों को ही बुला लिया गया, ताकि कार्यक्रम की शोभा बनी रहे, लेकिन जब हमारे रिपोर्टर इन महिलाओं से बात की तो ये समझने में दे नहीं लगी कि इन महिलाओं को यहां क्यों बुलाया गया था, महिलाओं को तो ये भी मालूम नहीं था कि कार्यक्रम कौन सा है, बस इन्हें मीटिंग के नाम पर यूं ही बुला लिया गया। और तो और जिन अधिकारियों पर कार्यक्रम को संपन्न करवाने की जिम्मेदारी थी वो खुद ही इस कार्यक्रम को बीच में छोड़कर बाहर आ गए और चाय की चुस्कियों के साथ गप्पे मारते दिखे। वहीं पाली जिले में भी मुख्यमंत्री लाभार्थी संवाद फीका ही दिखा, यहां भी ज्यादातर कुर्सियां खाली रहीं, जब कि स्कूली बच्चों को भी इस कार्यक्रम में बुलाया गया था, कार्यक्रम के बीच अचानक मौसम ने भी धोखा दे दिया और सभास्थल पर लगाए गए टेंट पर पॉलिथीन चढ़ाई जाने लगी, लेकिन एक एक कर लोग इस कार्यक्रम से कम होते गए। और सरकार के इस सरकारी कार्यक्रम की हवा निकल गई।
MNREGA workers and students, workers brought in CM’s program in Pali and Bundi remained absent!
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