Rajasthan: राजस्थान में अशोक गहलोत के राज में बने 17 नए जिलों और 3 नए संभाग खत्म हो सकते हैं. भजनलाल सरकार इन जिलों का रिव्यू करवा रही हैं. कई छोटे जिलों पर संकट आ सकता है. नए जिलों के रिव्यू के लिए उप मुख्यमंत्री प्रेम चंद बैरवा के संयोजन में कैबिनेट सबकमेटी बनाई गई है. इस मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़, कन्हैयालाल चौधरी, हेमंत मीणा और सुरेश सिंह रावत को सदस्य बनाया गया है. समिति का प्रशासनिक विभाग राजस्व विभाग होगा और राजस्व विभाग के एसीएस इसके सदस्य सचिव होंगे.
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नए बने 17 जिलों और 3 संभागों के लिए ये आदेश राजस्व विभाग की तरफ से जारी किए गए हैं. आपको बता दें कि नए जिले दूदू से विधायक बनकर आए प्रेमचंद्र बैरवा ही इस कमेटी के संयोजक बनाए गये हैं. गहलोत सरकार में जब ये फैसला लिया गया गया, तब बीजेपी ने इस पर सवाल उठाए थे.
अब बीजेपी राजस्थान में पावर में है तो गहलोत सरकार के इस फैसले का रिव्यू होगा. दूदू वो जिला रहा है, जिसको लेकर बीजेपी सबसे ज्यादा मुखर थी. क्योंकि ये महज 3 तहसील वाला जिला है. बीजेपी ने उस समय कांग्रेस सरकार के नए जिलों के निर्माण का खूब विरोध किया था. पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले 5 अगस्त 2023 को नोटिफिकेशन जारी कर, अशोक गहलोत ने नए जिले और संभाग बनाए थे, जिससे संभाग कुल 10 हो गये थे और 33 की जगह 50 जिले राजस्थान में हो गये थे. जो 17 जिलें बनाये ये थे उनमें दूदू, जयपुर ग्रामीण, केकड़ी,ब्यावर, कोटपूतली, खैरथल डींग, गंगापुर सिटी, नीमकाथाना, शाहपुरा, सांचौर, सलूंबर, जोधपुर ग्रामीण, अनूपगढ़, फलौदी, डीडवाना और बालोतरा शामिल है.
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