धौलपुर में भारी बारिश ने मचाई तबाही! कई गांवों में हालात बदतर, इधर बर्बाद हो गई खेतों में खड़ी फसलें

राजस्थान के कई हिस्सों में बादल ऐसे बरसे कि राहत का इंतजार कर रहे लोगों के लिए आफत सी आ गई है. कही शहरों में बाजार-रिहायशी इलाके डूब गए हैं तो कही जलभराव की स्थिति ने मुसीबत पैदा कर दी है.

राजस्थान तक

12 Aug 2024 (अपडेटेड: 12 Aug 2024, 12:46 PM)

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राजस्थान के कई हिस्सों में बादल ऐसे बरसे कि राहत का इंतजार कर रहे लोगों के लिए आफत सी आ गई है. कही शहरों में बाजार-रिहायशी इलाके डूब गए हैं तो कही जलभराव की स्थिति ने मुसीबत पैदा कर दी है. पूर्वी राजस्थान में भी हाल कुछ ऐसा ही है. इस सप्ताह पूर्वी राजस्थान के लिए भारी बारिश की चेतावनी है. वहीं, धौलपुर जिले में बारिश के चलते खरीफ की फसल को चौपट हो गई है. लगातार जारी बारिश ने खेत-खलिहान को तालाब में तब्दील कर दिया हैं. खेतों में खड़ी खरीफ की सैकड़ों बीघा फसल बारिश के पानी में डूब चुकी हैं, जो नष्ट होने के कगार पर है. खास तौर पर जिले के सैपऊ और बसेड़ी उपखंड इलाके के कुनकटा, बोरेली, नगला रायजीत, खेमरी, कान्हा का नगला, सहरोली, फूटे का नगला, राजौरा खुर्द, सेमरा, कैथरी, राजा का नगला, ठाकुर दास का नगला सहित दो दर्जन गांवों में हालात बदतर है.

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आसमान से बरसी आफत ने किसानों के लिए संकट पैदा कर दिया है. किसानों का कहना है कि बाजरा, ज्वार, ग्वार, दलहन, तिलहन और सब्जी की नगदी फसलें पानी में डूब चुकी हैं. खेतों में करीब तीन फीट पानी भर जाने से फसल और पशुओं का चारा बर्बाद हो गया है. इन सबके बीच पानी के सूखने की भी कोई संभावना दिखाई नहीं दे रही है.

 

 

किसानों के लिए दोहरी मुसीबत!

फसल चौपट होने के बाद किसानों के दोहरी मुसीबत हैं. क्योंकि खेतों में खड़ा पशुओं का चारा भी डूब चुका हैं. जबकि फसल के अलावा किसानों के लिए आजीविका का दूसरा जरिया पशुपालन ही है. लेकिन चारा बर्बाद होने से इसे लेकर भी आशंका बढ़ गई है. किसानों ने जिला प्रशासन और सरकार से मांग की हैं कि खेतों से पानी निकालने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जाए. जिससे आगामी रवि की फसल की आसानी से बुवाई हो सके. हालांकि इस बात को लेकर आक्रोश भी है कि राजस्व विभाग का कोई भी कार्मिक उनकी सुध लेने अब तक नहीं आया हैं.  

 

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