कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा इन दिनों सच बोलने लगे हैं. लग रहा है जैसे उन्हें ब्रह्म ज्ञान हो गया है. दरअसल, जब दिसंबर में नतीजे आए और पार्टी चुनाव हारी तो कई तरह के आंकलन किए जाते थे. अब दौसा में कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम के दौरान दिए उनके एक बयान की खूब चर्चा हो रही है. जिसमें उन्होंने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव के वक्त में डिसीजन लेता तो सरकार कांग्रेस की होती. नाराज तो किसी न किसी को तो होना ही था, किसी को नाराज करके पार्टी को बचा लेना चाहिए. किसके कहने पर उन्होंने नाराजगी मोल नहीं ली? लोग यह भी पूछ रहे हैं कि ये दो तरह के नेता कौन हैं?
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