'खाया तो खाया, काम किसने किया'? हरीश चौधरी के 'ठाकुर का कुआं' वाले बयान पर उम्मेदाराम बेनीवाल का मिल गया साथ!

राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी की ओर से पढ़ी गई 'ठाकुर का कुआं' कविता पर बवाल मचा हुआ है. इस मामले में बाड़मेर-जैसलमेर से कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने चौधरी का समर्थन किया है.

राजस्थान तक

22 Jul 2024 (अपडेटेड: 22 Jul 2024, 09:51 AM)

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राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी की ओर से पढ़ी गई 'ठाकुर का कुआं' कविता पर बवाल मचा हुआ है. इस मामले में बाड़मेर-जैसलमेर से कांग्रेस सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने चौधरी का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि चौधरी के बयान का मलतब आमजन से था. साथ ही रविंद्र सिंह भाटी के 'रिफाइनरी खा गए' वाले आरोप पर भी उन्होंने जवाब दिया. बेनीवाल ने कहा कि आरोप लगाने वालों को पूछो कि किसने काम ज्यादा किया है. इस तरह के बेबुनियाद आरोप लगाना गलत है.

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कांग्रेस सांसद ने कहा "ठाकुर का कुआं एक कविता है. हरीश चौधरी के बयान का मलतब यह था कि बजट में आम लोगों को कोई राहत नहीं मिली है. विधानसभा में उन्होंने इसके जरिए उदाहरण पेश किया था. जिसका मतलब यही है कि यह बजट कॉरपोरेट के लिए है, आम जन के लिए इसमें कुछ भी नहीं है." 

कांग्रेस नेता भी हरीश चौधरी के बयान पर उठा चुके हैं सवाल!

साथ ही उन्होंने कहा कि वेस्टर्न कैनाल परियोजना के लिए बीजेपी बात तो करती है, लेकिन इस बजट में उसके लिए कोई ठोस रणनीति नहीं है. बता दें कि जब हरीश चौधरी ने 'ठाकुर का कुआं' कविता पढ़ी तो पीछे से रविंद्र सिंह भाटी ने सवाल उठाया कि रिफाइनरी कौन खा गया. जिस पर मारवाड़ में सियासत गरमा गई है. वहीं, हरीश चौधरी के इस बयान पर ना सिर्फ भाटी और बीजेपी, बल्कि कांग्रेस नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने भी सवाल खड़े किए थे. उन्होंने पूछा था कि ठाकुर का कुआं ने क्या गुनाह कर दिया. जो जाति और धर्म से ऊपर उठकर देश के लिए मरता है, वहीं तो ठाकुर का कुआं है. धर्म और जाति में टकराव पैदा करने का किसी को अधिकार नहीं है. अगर हम राजनीति चमकाने के लिए सदन में ऐसी झूठी बात बोलते हैं तो ये देश के साथ धोखा है. 

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