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पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को बीजेपी चुनाव से पहले कौन सी जिम्मेदारी देगी, देगी भी या नहीं, इसे लेकर कयास लगाए जाते रहे हैं, लेकिन इन अटकलों पर उस वक्त विराम सा लगता दिखा, जब —राजस्थान में बीजेपी की चुनाव समितियों वाली लिस्ट में वसुंधरा का नाम दिखा ही नहीं। केंद्रीय मंत्री मेघवाल को मेनिफेस्टो की कमान, इलेक्शन मेनेजमेंट की जिम्मेदारी नारायण पंचारिया को दी गई। लिस्ट सामने आते ही चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गईं। गुरुवार को कांग्रेस शासित राज्य के लिए दो प्रमुख चुनाव समितियों की घोषणा की, जिनमें से किसी में भी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को सदस्य तक नहीं बनाया गया। बाद में, पार्टी ने जयपुर में सदस्यता अभियान चलाया और कोर कमेटी की बैठक की, लेकिन राजे किसी भी कार्यक्रम में नहीं आईं। हालाकि वसुंधरा राजे के अलावा पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत दोनों समितियों का हिस्सा नहीं हैं। 21 सदस्यीय चुनाव प्रबंधन समिति का अध्यक्ष पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को बनाया गया है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल चुनाव घोषणा पत्र पैनल का नेतृत्व करेंगे, जिसे प्रदेश संकल्प पत्र समिति कहा जाएगा। अब कयास लगाए जा रहे हैं साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले आने वाले हफ्तों में राज्य के लिए एक तीसरे पैनल – एक चुनाव अभियान समिति की घोषणा की जाएगी, राजे को चुनाव पैनल में शामिल ना किए जाने के बारे में पूछे जाने पर बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि वो चुनाव में प्रचार करेंगी। अरुण सिंह ने कहा कि राजे पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। उनकी बड़ी भूमिका है।
Vasundhara angry with BJP, silence on Twitter, why the queen was not even visible?
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