बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में शामिल है झारखंड का देवघर, जानें इससे जुड़ी खास बातें!

वैसे तो भारत में घूमने के कई तीर्थस्थल हैं, लेकिन अगर आप झारखंड की ट्रिप पर जा रहे हैं तो आपको देवघर जरूर जाना चाहिए. ऐसे में आज हम आपको देवघर से जुड़ी कुछ खास जानकारियां देंगे और यहां के फेमस टूरिस्ट प्लेसेस के बारे में भी बताएंगे, जहां आप घूमने का प्लान बना सकते हैं.

NewsTak

न्यूज तक डेस्क

follow google news

झारखंड राज्य में स्थित देवघर, भगवान शिव की नगरी के नाम से पूरे भारत में प्रसिद्ध है. साथ ही इस शहर को बाबाधाम भी कहा जाता है. वैसे तो भारत में घूमने के कई तीर्थस्थल हैं, लेकिन अगर आप झारखंड की ट्रिप पर जा रहे हैं तो आपको देवघर जरूर जाना चाहिए. ऐसे में आज हम आपको देवघर से जुड़ी कुछ खास जानकारियां देंगे और यहां के फेमस टूरिस्ट प्लेसेस के बारे में भी बताएंगे, जहां आप घूमने का प्लान बना सकते हैं. तो आइए जानते हैं इससे जुड़ी सारी बातें, जिससे आपकी ट्रिप काफी आसान हो जाएंगी. 

Read more!

बाबाधाम से जुड़ी खास बातें

  • यह देश के सबसे महत्वपूर्ण 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है और इसे बैद्यनाथ धाम के नाम से भी जाना जाता है. 
  • आपको बता दें, देवघर में मुख्य मंदिर परिसर में कुल 22 मंदिर है.
  • यह विश्व का इकलौता शिव मंदिर है, जहां शिव और शक्ति एक साथ विराजमान हैं. इसलिए इसे शक्तिपीठ भी कहते हैं. वहीं पौराणिक कथाओं के अनुसार यहां माता सती का ह्रदय कट कर गिरा था, इसलिए इसे हृदय पीठ भी कहते हैं.
  • मान्यता के मुताबिक इसे रावण ने स्थापित किया था, यही वजह है कि बाबा के इस ज्योतिर्लिंग को रावणेश्वर ज्योतिर्लिंग और इस जगह को रावणेश्वर धाम के नाम से भी जाना जाता है.
  • बता दें, हर साल सावन महीने में देवघर में श्रावणी मेला लगता है. ऐसे में सावन के महीने में यहां लाखों श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ को जल चढ़ाने के लिए पहुंचते हैं.

ये हैं देवघर के फेमस टूरिस्ट प्लेसेस

बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर

इस अति प्राचीन मंदिर को शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है. कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं विश्वकर्मा द्वारा किया गया है. आपको बता दें, इस मंदिर के ऊपरी भाग को कई बार बनवाया गया है लेकिन इस मंदिर का गर्भगृह आज भी पुराना है. यहां हर साल सावन के महीने में पूरे भारत से लोग कावड़ लेकर आते हैं और भोलेनाथ को जल अर्पित करते हैं.

शिवगंगा 

आपको बता दें कि शिवगंगा, बैद्यनाथ मंदिर से 200 मीटर की दूरी पर स्थित एक छोटा-सा तालाब है. इस कुंड का पानी बहुत पवित्र माना जाता है. लोगों का मानना ​​है कि इस पवित्र जल में स्नान करने से कई रोग ठीक हो जाते हैं. 

नौलखा मंदिर

ये मंदिर राधा-कृष्ण को समर्पित है और इसे बालानंद ब्रह्मचारी की शिष्या रानी चारुशिला द्वारा बनाया गया था. बता दें, बैद्यनाथ मंदिर इस मंदिर से 1.5 किमी दूर है. लोगों के अनुसार मंदिर को इसलिए नौलखा मंदिर के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसके निर्माण में नौ लाख रुपये खर्च किए गए थे.

त्रिकुट पहाड़ियां 

ये पहाड़ियां, त्रिकुटाचल महादेव मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, जो देवघर से 10 किमी दूर स्थित है. यह मंदिर मयूरक्षी नदी के मुहाने पर 2470 फीट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है. बता दें, इस पहाड़ी के तीन मुख्य शिखर हैं और इसलिए इसे त्रिकुट के नाम से जाना जाता है. 

नंदन पहाड़

नंदन पहाड़ देवघर में पहाड़ी की चोटी पर बना एक फन पार्क है. यह जगह इस शहर का फेमस पिकनिक स्पॉट भी है, जहां आप फैमिली व फ्रेंड्स के साथ वेकेशन का मजा ले सकते हैं. बता दें, यहां आप टॉय ट्रेन और बोटिंग का लुत्फ उठा सकते हैं. जानकारी के मुताबिक, यह जगह हर दिन सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक खुली रहती है.

तपोवन

देवघर से लगभग 10 किमी की दूरी पर स्थित तपोवन में कई पहाड़ियां हैं. इस जगह पर आप पहाड़ों के अलावा मंदिर और पुरानी गुफाएं देख सकते हैं. आपको बता दें कि यहां एक प्रसिद्ध शिव मंदिर भी है, जिसे तपोनाथ महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. अगर आप देवघर जा रहे हैं तो तपोवन देखने एक बार जरूर जाएं. 

 

देवघर जाने का सबसे अच्छा समय

आपको बता दें, सावन के महीने में पूजा करने के लिए लाखों भक्त बाबा बैद्यनाथ के इस प्राचीन मंदिर में आते हैं. लेकिन देवघर में घूमने का सबसे अच्छा समय सर्दियों के महीने (अक्टूबर से मार्च तक) में है. क्योंकि इस दौरान मौसम काफी सुहावना होता है और भीड़ भी काफी कम रहती है. ऐसे में आप आराम से भगवान शिव की पूजा कर पाएंगे. 

कैसे पहुंचे देवघर?

देवघर एक प्रमुख तीर्थ स्थल है, जिसके कारण ये हवाई, रेल और सड़क मार्ग से देश के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है. ऐसे में आप अपने सुविधानुसार किसी भी माध्यम से यहां पहुंच सकते हैं.

    follow google news