IRCTC Refund rules: अगर आप ट्रेन से सफर करते हैं और ट्रेन लेट हो जाती है या आपको अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ती है, तो क्या आपको पता है कि रेलवे आपको रिफंड देने का नियम बनाता है? भारतीय रेलवे, जिसे देश की लाइफलाइन कहा जाता है, हर दिन लाखों यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाती है. लेकिन कई बार ट्रेन लेट हो जाती है या कैंसिल हो जाती है, जिससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. अच्छी खबर यह है कि भारतीय रेलवे ने ऐसी स्थितियों के लिए रिफंड के नियम बनाए हैं, ताकि यात्रियों का नुकसान न हो. अगर आप भी ट्रेन से सफर करते हैं और रिफंड के नियमों के बारे में पूरी जानकारी चाहते हैं, तो यह खबर आपके लिए है.
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ट्रेन लेट होने पर रिफंड के नियम
अगर आपकी ट्रेन लेट हो जाती है और आप यात्रा नहीं करना चाहते, तो भारतीय रेलवे आपको टिकट का पूरा रिफंड दे सकता है. लेकिन इसके लिए कुछ शर्तें हैं:
3 घंटे से ज्यादा देरी:
अगर ट्रेन अपने निर्धारित समय से 3 घंटे या उससे ज्यादा लेट है, तो आप टिकट कैंसिल करके पूरा रिफंड क्लेम कर सकते हैं. यह नियम कन्फर्म, RAC (Reservation Against Cancellation), और वेटलिस्ट टिकटों पर लागू होता है. उदाहरण के लिए अगर आपकी ट्रेन सुबह 10 बजे की है, लेकिन वह दोपहर 1 बजे या उसके बाद आएगी, तो आप रिफंड के लिए योग्य हैं.
कब तक कैंसिल कर सकते हैं:
ट्रेन के वास्तविक प्रस्थान (actual departure) से पहले टिकट कैंसिल करना होगा. अगर ट्रेन लेट है, तो आपको स्टेशन पर जाकर या ऑनलाइन यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी. ध्यान दें कि अगर आप ट्रेन छूटने के बाद टिकट कैंसिल करते हैं, तो रिफंड नहीं मिलेगा.
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ट्रेन कैंसिल होने पर रिफंड के नियम
अगर रेलवे की ओर से ट्रेन कैंसिल कर दी जाती है, तो आपको पूरा रिफंड मिलता है, और इसके लिए ज्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती है.
ऑटोमैटिक रिफंड:
अगर ट्रेन पूरी तरह कैंसिल हो जाती है, तो ऑनलाइन बुक किए गए ई-टिकट का रिफंड अपने आप आपके बैंक खाते में 3 से 7 दिन के अंदर आ जाता है. काउंटर टिकट के लिए आपको नजदीकी रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर पर टिकट जमा करना होगा. यह काम ट्रेन के निर्धारित प्रस्थान के 3 दिन के अंदर करना जरूरी है.
कोई कैंसिलेशन चार्ज नहीं:
ट्रेन कैंसिल होने की स्थिति में कोई कैंसिलेशन चार्ज नहीं काटा जाता. आपको टिकट की पूरी राशि वापस मिलती है. IRCTC से बुक किए टिकट का पैसा अपने आप उसी अकाउंट में लौट आता है जिससे टिकट खरीदा गया था.
विशेष परिस्थितियां:
अगर ट्रेन का रूट बदल दिया जाता है, बीच रास्ते में कैंसिल हो जाती है, या AC कोच में AC काम नहीं कर रहा हो, तो भी आप पूरा रिफंड क्लेम कर सकते हैं. इसके लिए आपको TDR (Ticket Deposit Receipt) फाइल करना होगा. (TDR नियम से जुड़ी डिटेल में खबर यहां पढ़ें)
टिकट कैंसल करने पर कितना कटता है पैसा?
अगर यात्री अपनी मर्जी से टिकट कैंसल करता है (और ट्रेन लेट या रद्द नहीं है), तो रेलवे कुछ चार्ज काटता है:
- 48 घंटे से पहले कैंसल करने पर — बहुत कम कटौती (लगभग ₹60 से ₹240 तक, क्लास के अनुसार)
- 48 से 12 घंटे के बीच — टिकट का 25% कट सकता है.
- 12 से 4 घंटे के बीच — 50% तक की कटौती.
- 4 घंटे से कम बचने पर — आमतौर पर रिफंड नहीं मिलता (RAC/Waiting टिकट के नियम अलग हैं).
क्लास के हिसाब से कैंसिलेशन चार्ज कितना है?
तत्काल टिकट पर रिफंड कैसे मिलेगा?
अगर आपने तत्काल टिकट बुक किया है और आपकी ट्रेन रद्द हो जाती है या फिर ट्रेन 3 घंटे से ज्यादा लेट हो जाती है, तो आपको पूरा रिफंड मिल सकता है. इस स्थिति में आप अगर यात्रा नहीं करते हैं और समय रहते TDR (Ticket Deposit Receipt) फाइल करते हैं, तो रेलवे आपके पूरे टिकट का पैसा लौटा देता है. हालांकि, अगर आप खुद से तत्काल टिकट को कैंसल करते हैं यानी बिना ट्रेन लेट या रद्द हुए यात्रा नहीं करने का फैसला करते हैं, तो आपको तत्काल शुल्क (Tatkal Charges) वापस नहीं मिलते. ऐसी स्थिति में सिर्फ बेस फेयर के अनुसार रिफंड दिया जाता है, जिसमें तत्काल चार्ज काट लिया जाता है. इसलिए तत्काल टिकट पर फुल रिफंड तभी संभव है जब ट्रेन कैंसल हो या ट्रेन का देरी से चलना 3 घंटे से ज्यादा हो.
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