अगर आपसे कभी ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन हुआ है और आपको चालान (ई-चालान) कट गया है, तो परेशान न हों. कई मामलों में चालान माफ करवाया जा सकता है या उसमें राहत पाई जा सकती है.इसके लिए लोक अदालत एक सुनहरा मौका हो सकती है. यह एक ऐसा मंच है जहां आप बिना कोर्ट के लंबे चक्कर काटे अपने चालान का निपटारा कर सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको सही प्रक्रिया, जरूरी दस्तावेज और कुछ शर्तों का पालन करना होगा. आइए, इसकी पूरी जानकारी विस्तार से समझते हैं कि चालान कैसे माफ कराएं, कौन सी अदालत में जाएं, और किन मामलों में यह संभव है.
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कैसे कराएं अपना चालान माफ?
चालान माफ कराने के लिए लोक अदालत में जाना सबसे प्रभावी तरीका है. नीचे इसकी पूरी प्रक्रिया दी गई है:
1. चालान की स्थिति जांचें
सबसे पहले यह पता करें कि आपका चालान पेंडिंग है या नहीं. इसके लिए आप परिवहन विभाग की वेबसाइट (echallan.parivahan.gov.in) पर जाएं और अपने वाहन का नंबर डालकर चालान की डिटेल्स चेक करें. कुछ शहरों में स्थानीय ट्रैफिक पुलिस की ऐप या वेबसाइट भी यह सुविधा देती है.
2. लोक अदालत की तारीख पता करें
लोक अदालत साल में आमतौर पर 4 बार (हर तिमाही में) आयोजित की जाती है. नेशनल लीगल सर्विस अथॉरिटी (NALSA) या स्थानीय जिला अदालत की वेबसाइट पर इसकी तारीखें चेक करें. इसलिए अपने जिले की तारिख और जगह की जानकारी पहले से प्राप्त कर लें.
3. ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करें
- NALSA की ऑफिशियल वेबसाइट (nalsa.gov.in) पर जाएं.
- "Legal Aid Application Form" लिंक पर क्लिक करें.
- फॉर्म में अपनी व्यक्तिगत जानकारी, वाहन नंबर, चालान नंबर, और संबंधित जिला कोर्ट का चयन करें.
- जरूरी दस्तावेज (चालान की कॉपी, वाहन के कागजात आदि) अपलोड करें.
- फॉर्म सबमिट करने पर आपको एक टोकन नंबर और अपॉइंटमेंट लेटर मिलेगा. इसका प्रिंटआउट निकाल लें.
4. जरूरी दस्तावेज तैयार करें
- लोक अदालत में आपको ये कागजात साथ ले जाने होंगे:
- चालान की मूल या प्रिंटेड कॉपी
- वाहन के कागजात (RC, इंश्योरेंस, PUC)
- ड्राइविंग लाइसेंस
- आधार कार्ड या कोई पहचान पत्र
- यदि गाड़ी बेची गई है, तो ट्रांसफर के कागजात
- अपॉइंटमेंट लेटर और टोकन नंबर (ध्यान दें इनमें से कोई भी दस्तावेज छूटने पर आपका चालान माफ नहीं हो पाएगा)
5. लोक अदालत में पेश हों
- अपॉइंटमेंट लेटर में दिए समय से कम से कम 30 मिनट पहले पहुंचें.
- वहां मौजूद मजिस्ट्रेट या जज के सामने अपना पक्ष रखें. आपको वकील की जरूरत नहीं होगी; खुद अपनी बात समझानी होगी.
- अगर चालान गलती से कटा है या मामूली उल्लंघन है, तो इसे साबित करने के लिए सबूत (जैसे फोटो, वीडियो) पेश करें.
6. इसके बाद मजिस्ट्रेट अपना फैसला सुनाकर मामले का उचित निपटारा करेंगे
किन मामलों में माफ हो सकता है चालान?
- सामान्य ट्रैफिक उल्लंघन
- सीट बेल्ट न पहनना
- हेलमेट न लगाना
- रेड लाइट जंप करना
- गलत पार्किंग
- बिना PUC के गाड़ी चलाना
- गलती से कटा चालान
- पहली बार का उल्लंघन
किन मामलों में चालान माफ नहीं होगा?
- एक्सीडेंट से जुड़े मामले: अगर आपकी गाड़ी किसी दुर्घटना में शामिल थी, तो चालान का निपटारा कोर्ट में ही होगा.
- आपराधिक गतिविधि: नशे में ड्राइविंग, ओवरस्पीडिंग से नुकसान, या हिट-एंड-रन जैसे मामले लोक अदालत के दायरे से बाहर हैं.
- बार-बार नियम तोड़ना: अगर आप बार-बार एक ही गलती कर रहे हैं, तो माफी की गुंजाइश कम होती है.
जहां कटा चालान वहीं होगा माफ
चालान माफ कराने या निपटाने की प्रक्रिया उसी राज्य/शहर की ट्रैफिक अथॉरिटी या कोर्ट के अंतर्गत आती है, जहां चालान कटा है. मान लीजिए आप भोपाल से दिल्ली जा रहे थे और दिल्ली में आपका चालान कट गया तो इसे नियमानुसार दिल्ली ट्रैफिक पुलिस, या दिल्ली की वर्चुअल कोर्ट / ट्रैफिक कोर्ट से ही चालान माफ कराया जा सकता है.
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