कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर की इस बयान के बाद बढ़ीं मुश्किलें, 9 जुलाई को कोर्ट में होना होगा पेश, जानिए पूरा मामला

Devkinandan Thakur News: वाराणसी में दिए गए एक कथित विवादित बयान को लेकर देवकी नंदन ठाकुर की मुश्किलें बढ़ गई हैं. आगरा कोर्ट ने उन्हें 9 जुलाई 2025 को पेश होने का नोटिस भेजा है.

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Photo: Devkinandan Thakur (@DN_Thakur_Ji/ X)

न्यूज तक

28 Jun 2025 (अपडेटेड: 28 Jun 2025, 03:18 PM)

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Devkinandan Thakur News: उत्तर प्रदेश के आगरा से बड़ी खबर सामने आई है. फेमस कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज किया गया है. आगरा की एसीजेएम-10 कोर्ट ने उन्हें 9 जुलाई 2025 को अदालत में पेश होने का नोटिस जारी किया है. यह मामला वाराणसी में हुई एक कथा के दौरान दिए गए कथित आपत्तिजनक बयान से जुड़ा है.

यह मामला 2 दिसंबर 2024 को वाराणसी स्थित संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित कथा से जुड़ा है. इस दौरान ठाकुर ने कथित तौर पर भारत के विभाजन और कश्मीरी ब्राह्मणों के नरसंहार के लिए "जयचंदों" को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने यह भी कहा था कि इन्हीं जयचंदों के कारण पाकिस्तान बना और सनातन धर्म को खतरा हुआ.

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अधिवक्ता  ने दर्ज कराया मानहानि का केस

इस बयान को लेकर अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह ने देवकी नंदन ठाकुर के खिलाफ मानहानि का परिवाद दायर किया है. उन्होंने अदालत को बताया कि कन्नौज के राजा रहे जयचंद को गद्दार बताने का कोई ऐतिहासिक प्रमाण नहीं है और ऐसा कहना क्षत्रिय समाज के लिए अपमानजनक है. 

अदालत ने पहले भी दिया था पेश होने का निर्देश

मामले की सुनवाई के दौरान ठाकुर की अनुपस्थिति को गंभीरता से लेते हुए अदालत ने सख्त रुख अपनाया है. पहले भी उन्हें पेश होने को कहा गया था, लेकिन अनुपस्थित रहने पर अब ACJM-10 कोर्ट ने उन्हें 9 जुलाई को अनिवार्य रूप से पेश होने का आदेश दिया है.

परिवाद में दिए गए तर्क और आरोप

परिवाद में कहा गया है कि भारत का विभाजन और कश्मीरी ब्राह्मणों का नरसंहार ऐतिहासिक रूप से धर्म आधारित घटनाएं थीं. ऐसे में इनके लिए जयचंद को जिम्मेदार ठहराना न केवल तथ्यात्मक रूप से गलत है, बल्कि इससे एक समुदाय की भावनाएं भी आहत होती हैं.

ठाकुर पहले भी रहे हैं विवादों में

देवकी नंदन ठाकुर का नाम विवादित बयानों को लेकर पहले भी सुर्खियों में रहा है. चाहे वो वक्फ बोर्ड का मुद्दा हो, तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद को लेकर टिप्पणी हो या जनसंख्या नियंत्रण का मसला वो अकसर चर्चा में रहे हैं.

9 जुलाई की सुनवाई पर टिकी निगाहें

अब सबकी निगाहें 9 जुलाई 2025 को होने वाली अगली सुनवाई पर हैं. देखना होगा कि ठाकुर इस मामले में अदालत में क्या पक्ष रखते हैं और आगे यह कानूनी लड़ाई किस दिशा में जाती है.

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