Gorakhpur Crime News: गोरखपुर के बेइलीकुंड गांव में अर्जुन के घर 23 दिसंबर की सुबह सभी अचानक परेशान हो गए. घर में बहू खुशबू नहीं दिख रही थी. ससुर श्याम नारायण ने बेटे अर्जुन से पूछा- बहू कहां है. अर्जुन बोला- कहीं चली गई है. उधर मायके वाले भी परेशान हो गए. सभी खुशबू को ढूंढने में लग गए. अर्जुन भी पत्नी खुशबू को ढूढने लगा. 24 दिसंबर तक खुशबू का कहीं पता नहीं चला. इधर ससुर को अपने बेटे पर ही शक होने लगा. वे बेचैन हो गए और थाने पहुंच गए. वहां पुलिस के सामने जब अर्जुन ने बयान बदलने शुरू किए तो सारा केस परद-दर-परत खुलता चला गया.
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पुलिस ने अर्जुन की निशानदेही पर घर के पीछे से जमीन में गड़े शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने अर्जुन को गिरफ्तार कर लिया. इस पूरे मामले ने बेइलीकुंड गांव के सभी लोगों को झकझोर कर रख दिया है. बेटी का शव देख मायके वालों पर तो जैसे दुखों का पहाड़ ही टूट गया. इधर श्याम नारायण अपने बेटे के इस करतूत पर बेहद शर्मिंदा ही नहीं बल्कि बहू की मौत से काफी दुखी हैं.
अर्जुन ने पुलिस को बताई उस रात वाली कहानी
अर्जुन के खिलाफ जब उसके पिता बेलघाट पुलिस थाने पहुंचे तो अर्जुन घबरा गया. पुलिस ने अर्जुन को हिरासत में लेकर पूछताछ की. पहले तो उसने आनाकानी की. फिर उसने नई कहानी बताई. अर्जुन ने कहा कि खुशबू ने सुसाइड कर लिया था. वो उसे फंदे पर लटका देख घबरा गया और शव को नदी में फेंक दिया. पुलिस ने नदी में छानबीन की पर शव नहीं मिला. पुलिस को आशंक हुई कि अर्जुन उन्हें गुमराह कर रहा है. उन्होंने अपना पुलिसिया अंदाज लगा दिया. सख्ती देख बहुत देर तक खुद को रोक नहीं पाया अर्जुन और टूट गया. उसने पूरी कहानी बयां कर दी.
ये है पूरा मामला
गोरखपुर का बेइलीकुंड गांव का रहने वाला अर्जुन घर की रोजी रोटी के लिए लुधियाना में मजदूरी करता था. लगभग दो साल पहले उसकी शादी 26 साल की खुशबू से हुई थी. दोनों की अभी नई-नई ही शादी हुई थी, पति को मजदूरी के लिए घर से बाहर रहना पड़ता था. कभी-कभी छुट्टी पर आता और फिर परिवार के साथ समय बिताकर लुधियाना वापस चला जाता था.
ऐसा ही हुआ 17 नवंबर को, अर्जुन काम से लौटकर गांव आया. रास्ते में उसने परिवार के साथ समय बिताने को लेकर कितने ही सपने संजोय होंगे, लेकिन जब वह घर पहुंचा तो कुछ ऐसा देखा जिसने उसके होश उड़ा दिए. दरअसल घर आने के बाद उसने देखा कि खुशबू के पास एक मोबाइल फोन है, जिसकी जानकारी उसने कभी उसे नहीं दी थी.
यही बात अर्जुन के दिमाग में घर कर गई. उसे लगने लगा कि खुशबू उससे छिपाकर मोबाइल रखती है और उसके पीट पीछे उसका किसी से चक्कर चल रहा है. यहीं से कहानी ने खौफनाक मोड़ ले लिया.
21 दिसंबर को क्या हुआ
21 दिसंबर की रात लगभग 11 बजे ये दोनों पति-पत्नी अर्जुन और खुशबू घर में अकेले थे. दोनों के बीच इस मोबाइल को बहस चल रही थी. अर्जुन खुशबू पर बिना किसी सबूत के आरोप लगाने लगा कि उसका कोई बॉयफ्रेंड है और वो उसे धोखा दे रही है. हालांकि खुशबू ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया. कहने लगी कि तुम झूठे हो और खामखां ही मुझपर शक कर रहे हो. इस बहसबाजी की बीच अर्जुन का गुस्सा इतना ज्यादा बढ़ गया कि उसने अपना आपा खोते हुए खुशबू के गले को पकड़कर उसे दबाने लगा. अर्जुन ने गला इतनी तेज जकड़ रखा था कि खुशबू सांसे नहीं ले पा रही थी. उसके बार-बार कहने की कोशिश भी की लेकिन अर्जुन पर तो जैसा खून सवार था. फिर क्या, वही हुआ जिसका डर था.
खुशबू की दम घुटने से मौत हो गई, हालांकि इसके बाद भी अर्जुन को डर नहीं लगा. उसने शव ठिकाने लगाने की ठान ली. आधी रात में जब पूरी गांव ठंड के कारण अपने अपने घरों में चादर ताने सो रहा था उस वक्त अर्जुन ने अपने घर के पीछे खाली पड़ी जमीन में करीब छह फीट गहरा गड्ढा खोदा और खुशबू के शव को उसमें डालकर ऊपर से मिट्टी भर दी.
गांव वालों को किया गुमराह
अगली सुबह जब ससुर और पड़ोसियों को खुशबू नहीं दिखी और सब उसके बारे में पूछने लगें तो बिना किसी झिझक के अर्जुन ने एक झूठी कहानी बनाते हुए कहा कि उसकी पत्नी कहा चली गई है. इसके बाद चार-पांच दिनों तक मायके और ससुराल वाले खुशबू को हर जगह ढूंढते रहे, लेकिन कुछ पता नहीं चला. इस दौरान अर्जुन सामान्य व्यवहार करता रहा जैसे कुछ हुआ ही न हो.
पिता को हुआ शक
एक के बाद एक दिन बीतते गए लेकिन खुशबू का कुछ पता नहीं चला. कोई भी ये समझ नहीं पा रहा था कि रातों रा आखिर घर की बहू गायब कैसे हो गई. धीरे धीरे अर्जुन के पिता श्याम नारायण को बेटे की बातों पर शक होने लगा. आखिरकार गुरुवार यानी 25 दिसंबर की सुबह करीब 11 बजे उन्होंने हिम्मत जुटाई और बेलघाट थाने पहुंच गए. उन्होंने पुलिस से साफ कहा कि उनकी बहू पांच दिनों से गायब है और उन्हें पूरा यकीन है कि उनके बेटे ने ही उसकी हत्या कर दी है.
पिता की शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आई और गांव पहुंचकर अर्जुन को हिरासत में ले लिया.
पुलिस को क्या कहा
पुलिस ने जब अर्जुन ने पूछताछ की तो पहले उसके पुलिस को भी गुमराह करने की कोशिश की. उसने कहा कि खुशबू ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी और वह घबराकर शव को पास की नदी में बहा आया. पुलिस ने भी हार नहीं मानी तुरंत उसे नदी किनारे ले गई जहां वह लगभग दो घंटे तक पुलिस को इधर-उधर घुमाता रहा.
जब तंग आकर उससे सख्ती से सवाल पूछा गया तो अर्जुन टूट गया और सच उगलने लगा. उसने बताया कि लाश नदी में नहीं बल्कि घर के पीछे जमीन में दफन है.
खुदाई में निकली लाश
गुरुवार दोपहर करीब 3 बजे पुलिस अर्जुन के बताए गए जगह पर खुदाई शुरू कराई. घर के पीछ जैसे ही मिट्टी हटाई गई, खुशबू की लाश बाहर आ गई. नजारा देख पुलिस भी सन्न रह गई. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. बहन की मौत की खबर मिलते ही खुशबू का छोटा भाई और मायके के अन्य लोग थाने पहुंच गए. भाई की तहरीर पर पुलिस ने अर्जुन के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है. मोबाइल फोन से शुरू हुआ शक आज एक मासूम जिंदगी को निगल चुका है. पूरे गांव में मातम पसरा है और हर कोई यही सोच रहा है कि आखिर रिश्ते इतने बेरहम कैसे हो गए.
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