Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में अब तक 3.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. यह सवाल उठता है कि इतनी बड़ी भीड़ की गिनती योगी सरकार आखिर कैसे कर रही है? आप लोगों के मन में भी यह सवाल आया होगा कि आखिर इतने लोगों की गिनती किसने की और किस तरह ये गिनती की जा रही है. आइए आपको बताते हैं.
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आपका बता दें महाकुंभ में अब तक 3.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं.
कैसे जुटाए जा रहे आंकड़े?
उत्तर प्रदेश सरकार प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने वालों का आंकड़ा एक खास तकनीक के जरिए जुटा रही है. अमृत स्नान के दिन 2.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया, जबकि पौष पूर्णिमा के अवसर पर डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोगों ने गंगा में डुबकी लगाई.
एआई बेस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल
महाकुंभ में भीड़ की गिनती के लिए योगी सरकार अत्याधुनिक एआई आधारित सीसीटीवी कैमरों का उपयोग कर रही है. मेला क्षेत्र में लगभग 1800 कैमरे लगाए गए हैं. इनमें से 1100 स्थायी और 700 अस्थायी कैमरे हैं. इनमें से अधिकतर कैमरे एआई तकनीक से लैस हैं, जो भीड़ की सटीक गिनती और आकलन कर रहे हैं.
48 घाटों पर रियल-टाइम असेसमेंट
महाकुंभ के 48 घाटों पर हर घंटे क्राउड असेसमेंट किया जा रहा है. महाकुंभ शुरू होने से पहले क्राउड कैलकुलेशन का रिहर्सल किया गया. घाटों पर तैनात विशेषज्ञ हर घंटे भीड़ का आकलन करते हैं.
ड्रोन और ऐप की मदद
इसके अलावा भीड़ का आंकलन करने के लिए ड्रोन कैमरे भीड़ के घनत्व को मापकर डेटा भेजते हैं. एक विशेष ऐप के जरिए श्रद्धालुओं के मोबाइल फोन की औसत संख्या ट्रैक की जा रही है, जिससे भीड़ का अंदाजा लगाया जाता है.
रियल-टाइम मॉनिटरिंग
भीड़ की सटीक जानकारी कमांड सेंटर तक पहुंचाने के लिए एक डेडिकेटेड टीम बनाई गई है. यह टीम भीड़ की निगरानी करती है और ताजा स्थिति रियल-टाइम में रिपोर्ट करती है. पारंपरिक तरीकों से भी लोकल इंटेलिजेंस यूनिट अपने अनुमान सरकार तक पहुंचा रही है. सरकार का कहना है कि इस बार क्राउड काउंटिंग के लिए टेक्नोलॉजी बेस्ड असेसमेंट का उपयोग किया गया है. यह तरीका न केवल सटीक है, बल्कि भीड़ प्रबंधन को बेहतर बनाने में मदद करता है.
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