Kanpur Shocking Story: कानपुर के घाटमपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक बहन अपने भाई को मरा हुआ समझकर उसकी लाश का पोस्टमार्टम करवाने पहुंची थी. लेकिन कुछ ही देर बाद, वही भाई ज़िंदा थाने में आ पहुंचा! यह देखकर पुलिस से लेकर घरवाले तक सभी चौंक गए.
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'मैं जिंदा हूं सर!', बोला थाने पहुंचा युवक
दरअसल, गुरुवार को घाटमपुर में एक पुल के नीचे एक अज्ञात लाश मिली थी. पुलिस ने उसकी फोटो खींचकर सोशल मीडिया पर शेयर की, ताकि कोई उसे पहचान सके. घाटमपुर की रहने वाली सुमन नाम की महिला ने फोटो देखी और दावा किया कि यह उसके छोटे भाई अजय की लाश है. वह मौके पर रोती हुई पहुंची और बार-बार कहने लगी कि उसने ही अजय को गोद में खिलाया है.
पुलिस ने सुमन से ठीक से पहचान करने को कहा, तो उसने कहा कि वह अपने भाई को कैसे नहीं पहचानेगी. सबको लगा कि अजय शायद गर्मी की वजह से मर गया होगा. बहन के कहने पर पुलिस ने लाश का पंचनामा किया और उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. सुमन ने बताया कि उसका भाई अजय कानपुर देहात का रहने वाला है.
पोस्टमार्टम रुकवाया गया, असली पहचान की तलाश जारी
शुक्रवार को सुमन अपने पिता, पति और परिवार के बाकी लोगों के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंची. सब रो रहे थे. तभी घाटमपुर थाने में एक युवक पहुंचा और सीधे थानेदार धनंजय पांडे से बोला, "मेरा नाम अजय है, मैं तो जिंदा हूं! पुलिस ने मेरे मरने की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी है."
थानेदार धनंजय पांडे यह सुनकर हैरान रह गए. उन्होंने तुरंत पोस्टमार्टम हाउस में फोन किया और अजय की बॉडी का हाल पूछा. उन्हें बताया गया कि पोस्टमार्टम होने ही वाला है. थानेदार ने फौरन अधिकारियों को जानकारी दी और जिस शव का पोस्टमार्टम होने वाला था, उसे रुकवा दिया.
इधर, जैसे ही सुमन को पता चला कि उसका भाई ज़िंदा थाने पहुंच गया है, तो परिवार वाले विश्वास ही नहीं कर पाए. वे तुरंत गाड़ी से घाटमपुर थाने पहुंचे. वहां अपने भाई को ज़िंदा देखकर सुमन खुशी के मारे उससे लिपटकर रोने लगी. सुमन ने कहा कि वह रास्ते भर यही दुआ कर रही थी कि काश पुलिस की खबर गलत हो.
पुलिस ने सुमन से पूछा कि उसने लाश को अपने भाई की तरह कैसे पहचाना, तो उसने बताया कि लाश का चेहरा उसके भाई से काफी मिलता था और कद-काठी भी वैसी ही थी. शव के कपड़े भी काफी गंदे थे, इसलिए उसे लगा कि यह उसका भाई ही है. अब पुलिस ने उस अज्ञात शव को मोर्चरी में रखवा दिया है और उसकी असली पहचान के लिए आसपास के जिलों में भी फोटो भेजी है.
यह घटना बताती है कि कभी-कभी गलतफहमी कितनी बड़ी हो सकती है, और एक वायरल फोटो कैसे सबको परेशान कर सकती है!
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