बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जन सुराज पार्टी के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने सियासी गलियारों में हलचल तेज कर दी है. मोतिहारी के गांधी ऑडिटोरियम में आयोजित कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने कहा कि मुसलमान अगर साथ आ जाए तो बिहार में नीतीश सरकार और यूपी में योगी को भी ठोक देंगे. पीके के इस बयान ने चुनावी साल में राजनीति को गरमा दिया है. इस बयान पर जेडीयू प्रवक्ता ने भी कड़ी आपत्ति जताई है. आइए विस्तार से जानते हैं पूरी कहानी.
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प्रशांत किशोर ने मुस्लिम समाज से की अपील
राजनीतिक रणनीतिकार से खुद राजनेता बने प्रशांत किशोर मंगलवार को एक दिवसीय यात्रा के तहत मंगलवार को मोतिहारी पहुंचे. उन्होंने यहां गांधी ऑडिटोरियम में मुसलमानों की एक बड़ी जनसभा को किया संबोधित. पीके ने मुसलमानों को जन सुराज से जुड़ने और झंडा उठाने की भी अपील की.
इसी दौरान उन्होंने कहा कि आज मैं मुसलमान भाइयों को निमंत्रण देने आया हूं, क्योंकि अगर मुसलमान साथ मिल जाए तो, बिहार में भाजपा और नीतीश को तो हराएंगे ही, साथ में अगले दो साल में उत्तर प्रदेश में योगी को भी ठोक देंगे. साथ ही उन्होंने मुसलमानों को उचित हिस्सेदारी देने की भी बात कही है.
पीके ने बताया जीत का मंत्र
आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि, अगर 40 प्रतिशत हिन्दू व 20 प्रतिशत मुसलमान मिल जाय तो जनसुराज का जीतना तय है. पीके के इस बयान से साफ नजर आ रहा है कि वे चुनावी साल में अपनी पार्टी और राजनीति के सहारे खुद सत्ता में आने की राह तलाश रहे है. बिहार में फिलहाल भाजपा और जेडीयू अन्य एनडीए के साथ एक विकल्प है, वहीं महागठबंधन दूसरा विकल्प है. प्रशांत किशोर खुद को तीसरे विकल्प के तौर पर पेश कर रहे है जिससे उनकी एंट्री और आगे की राह आसान हो सकें.
नीरज कुमार ने प्रशांत किशोर को दी नसीहत
प्रशांत किशोर के इस बयान पर राजनीति गरमा गई है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने पीके को नसीहत देते हुए कहा कि राजनीति में शब्द का चयन मर्यादा के अनुसार करना चाहिए. पीके ठोक देंगे जैसी भाषा का इस्तेमाल ऐसे कर रहे हैं जैसे कोई राजनीतिक अपराधी हो. नीरज ने आगे कहा कि प्रशांत किशोर तो डाटा एनालिसिस करने वाले लोग हैं, उन्हें मालूम होना चाहिए कि बिहार में जाति और धर्म के आधार पर कितनी कम संख्या में लोग मतदान करते हैं क्योंकि विकास सबको चाहिए और अगर संविधान को मानते हैं तो इस तरह के बयान से बचना चाहिए.
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