जौनपुर की मछलीशहर लोकसभा सांसद प्रिया सरोज का ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. वायरल ऑडियो में उनके लोकसभा क्षेत्र का एक व्यक्ति उनसे सोलर लाइट की डिमांड कर रहा है. जिस पर सपा सांसद प्रिया सरोज बोलती हैं कि संगठन तय करेगा कि कहां पर लाइट देनी है.
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फोन करने वाले शख्स को प्रिया सरोज कहती हैं कि वह समाजवादी पार्टी के सेक्टर प्रभारी से मिलें. बात बढ़ती है तो प्रिया सरोज कहती हैं कि फिर जा करके बीजेपी से काम करा लें.
पता चला कि फोन करने वाले शख्स राजू दुबे हैं. ये बीजेपी के बूथ अध्यक्ष हैं. राजू दुबे मछली शहर लोकसभा के तहत महमूदपुर ग्राम सभा के निवासी हैं. मडियाहू तहसील के थाना बरसठी के तहत महमूदपुर बूथ के अध्यक्ष भी हैं. स्थानीय स्तर पर या बड़े स्तर पर राजू किसी भी भाजपा नेता के संपर्क में नहीं हैं.
पूछे जाने पर राजू ने बताया कि वह सामाजिक कार्य में जुटे रहते थे तो आसपास के लोगों ने उसका नाम बीजेपी के बूथ अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित कर दिया. राजू दुबे का कहना है कि आज तक उन्होंने किसी भी भाजपा की मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया.
क्या है पूरा मामला?
मीडिया से बातचीत में राजू दुबे ने बताया कि उनके क्षेत्र में अंधेरा रहता है, जिसके लिए वह सार्वजनिक स्थान पर लाइट की डिमांड कर रहे थे. पहले प्रिया सरोज द्वारा कहा गया की मंदिर-मस्जिद पर सांसद के फंड से काम नहीं हो सकता है. इसके बाद उन्होंने कहा कि सार्वजनिक चौराहे बड़ेरी पर लाइट लगा दी जाए. जिस पर प्रिया सरोज बोलती हैं कि संगठन तय करेगा कि कहां काम कराना है. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के सेक्टर प्रभारी से मिलकर वो बता दें. राजू दुबे ने कहा कि वह पार्टी की बात नहीं कर रहे थे, लेकिन सांसद प्रिया सरोज द्वारा पार्टी की बात की जाने लगी. राजू दुबे ने आरोप लगाया कि सांसद प्रिया सरोज जाति विशेष देखकर काम कर रही हैं.
प्रिया सरोज ने क्या कहा?
इस मामले पर मछली शहर सांसद प्रिया सरोज ने बताया कि काम करने के लिए प्रक्रिया में उनके यहां एक प्रॉपर चैनल बना हुआ है. संगठन के जरिए काम किया जाता है. संगठन में सभी वर्ग के लोग हैं. मासिक बैठक होती है उसके बाद तय किया जाता है, जहां जरूरत होती है उसे हिसाब से फंड दिया जाता है.
रिकॉर्डिंग वायरल होने के मामले पर उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति को सपा भाजपा की राजनीति करनी है उसने इस मंशा से रिकॉर्ड किया है. इससे पूर्व भाजपा के सांसद थे वह भी अपने लोगों के लिए ऐसे काम करते थे.
इन सब के बावजूद एक बड़ा सवाल यह है कि आखिर क्या जनता अपना काम सीधे सांसद से नहीं बोल सकती? क्या अपना काम करने के लिए किसी संगठन के जरिए जाना होगा? क्या जरूरी है कि समाजवादी पार्टी के सेक्टर प्रभारी और बूथ अध्यक्ष को जानना जरूरी है? इस रिकॉर्डिंग के वायरल हो जाने के बाद कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं.
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