UP News: उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग के एक आदेश को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. इस आदेश में ग्राम पंचायत की जमीन से एक जाति और धर्म विशेष को जोड़कर अवैध कब्जा हटाने की बात कही गई है. इससे अब प्रदेश सरकार की किरकिरी हो रही है. पंचायती राज विभाग को ये पत्र अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
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इस बीच अब आदेश को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कड़ा रुख अपनाया है.आज तक की खबर के अनुसार सीएम याेगी ने इस आदेश को पूर्वाग्रह से प्रेरित और अस्वीकार्य माना है. उन्होंने इस आदेश को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का निर्देश दिया है. इसके साथ ही इसे जारी करने वाले अधिकारी पर पर कार्रवाई की है.
क्या लिखा था पत्र में?
आपको बता दें कि ये पत्र पंचायती राज विभाग की ओर से जारी किया गया था. इसे राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों, मंडलीय उपनिदेशकों और जिला पंचायत राज अधिकारियों को भेजा गया था. पत्र में यूपी के 57,000 से अधिक ग्राम पंचायतों की सार्वजनिक भूमि से अवैध कब्जे से हटाने का निर्देश दिया गया था. इनमें ग्राम सभा की भूमि, पोखरे, खलिहान, खाद गड्ढे, श्मशान भूमि आदि शामिल थे. इसके अलावा इस पत्र में 'यादव जाति' और 'मुस्लिम' लोगों के द्वारा किए गए कथित कब्जे का जिक्र किया गया था. इसी कारण इस आदेश को लेकर विवाद हो गया और लोगाें ने इस पत्र की भाषा पर आपत्ति दर्ज कराई.
वायरल पत्र पर सीएम योगी ने लिए एक्शन
इस बीच जब पत्र वायरल हुआ तो मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया. उन्होंने इस मामले में कार्रवाई करते हुए आदेश को तुरंत निरस्त करने का निर्देश दिए. साथ ही इसे जारी करने वाले संयुक्त निदेशक (पंचायती राज) सुरेंद्र नाथ सिंह को भी पद से निलंबित कर दिया है. सीएम ने इस आदेश के संविधान की भावना के विरुद्ध बताया.
उन्होंने कहा कि सरकारी नीतियां किसी भी समुदाय या वर्ग के प्रति पूर्वाग्रह से प्रेरित नहीं हो सकतीं. सीएम योगी ने कहा कि कानून का शासन सभी के लिए समान रूप से लागू होता है और किसी भी प्रकार की कार्रवाई पूरी तरह से तथ्यों, साक्ष्यों और नियमों के अनुसार होनी चाहिए न कि जातिगत या धार्मिक पहचान के आधार पर.
यहां देखें वायरल पत्र
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