इंस्टा पर अश्लील इशारे और गाली देकर REEL बनाने वाली महक-परी की इनकम का खुलासा! पुलिस जांच में जुटी

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री फैलाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पुलिस ने तीन युवतियों, महक, निशा उर्फ परी, हिना और उनके कैमरामैन आलम को गिरफ्तार किया है.

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न्यूज तक

• 10:47 AM • 16 Jul 2025

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उत्तर प्रदेश के संभल जिले में सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री बनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. पुलिस ने तीन युवतियों, महक, निशा उर्फ परी, हिना और उनके कैमरामैन आलम को गिरफ्तार किया है. ये लोग इंस्टाग्राम पर अश्लील इशारे और अभद्र भाषा वाले वीडियो अपलोड कर मोटी कमाई कर रहे थे. पुलिस के अनुसार, ये चारों हर महीने 30 से 35 हजार रुपये तक कमा लेते थे.

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कमाई का जरिया

पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि इन युवतियों ने इंस्टाग्राम पर लोकप्रियता हासिल करने के लिए अश्लील वीडियो बनाना शुरू किया. शुरुआत में सामान्य वीडियो बनाने पर ज्यादा व्यूज नहीं मिले, लेकिन जैसे ही इन्होंने गालियां और उत्तेजक इशारों का इस्तेमाल शुरू किया, व्यूज और फॉलोअर्स की संख्या तेजी से बढ़ने लगी. इसके बाद ये वीडियो इनके लिए कमाई का स्रोत बन गए. महक ने पूछताछ में बताया कि उन्हें नहीं पता था कि यह काम इतनी बड़ी कानूनी कार्रवाई का कारण बन सकता है.

ग्रामीणों की शिकायत पर हुई कार्रवाई

संभल के असमोली थाना क्षेत्र के शहवाजपुर गांव की रहने वाली ये तीनों युवतियां लंबे समय से ऐसे वीडियो बनाकर अपलोड कर रही थीं. गांव के कुछ जागरूक लोगों ने इनके वीडियो की आपत्तिजनक सामग्री को देखकर पुलिस में शिकायत दर्ज की. शिकायत संभल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) केके बिश्नोई और क्षेत्राधिकारी (सीओ) कुलदीप सिंह तक पहुंची. इसके बाद असमोली थाना प्रभारी राजीव मलिक को त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया गया.

पुलिस ने इनके इंस्टाग्राम अकाउंट की जांच शुरू की और पाया कि इनके वीडियो में अभद्र भाषा और अश्लील इशारे प्रमुख थे. रविवार रात को पुलिस ने चारों आरोपियों को हिरासत में ले लिया और उनके मोबाइल फोन व अन्य उपकरण जब्त कर लिए.

सभी को न्यायिक हिरासत में भेजा

एसएसपी केके बिश्नोई ने चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्री फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. उन्होंने बताया कि ऐसी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक विशेष टीम गठित की जा रही है. गिरफ्तार आरोपियों को मेडिकल जांच के बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.

पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या इनके पीछे कोई संगठित गिरोह काम कर रहा था. इसके अलावा, जब्त किए गए मोबाइल, कैमरा और लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि इन वीडियो को अन्य प्लेटफॉर्म्स पर भी अपलोड किया गया था या नहीं.

 

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