यूपी के बागपत में दहेज का भयानक मामला सामने आया है. इसी गांव की रहने वाली मनीषा (26) ने 15 जुलाई 2025 को अपने ससुराल वालों के लगातार अत्याचार से तंग आकर आत्महत्या कर ली. मौत से पहले पीड़िता (मनीषा) ने अपने शरीर पर ससुराल वालों की हैवानियत का पर्दाफाश करते हुए अपनी आपबीती लिखी. जिसमें अपने पति कुंदन, ससुर, सास और दो देवर दीपक और विशाल को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है. ये रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना समाज में दहेज उत्पीड़न के बढ़ते मामलों पर गंभीर सवाल उठाती है.
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खुशी से शुरू हुई शादी, बन गई मौत का जाल
मनीषा की शादी 26 नवंबर 2023 को नोएडा के दादरी निवासी कुंदन से हुई थी. मनीषा के पिता ने अपनी बेटी की शादी में 15-20 लाख रुपये खर्च किए थे, जिसमें दामाद को बुलेट बाइक भी दी गई थी. हालांकि शादी के कुछ ही दिनों बाद, कुंदन और उसके परिवार ने मनीषा से थार कार और 15-20 लाख रुपये नकद की मांग शुरू कर दी. मनीषा ने उन्हें बताया कि उसके पिता ने कर्ज लेकर शादी की है और वे इतनी बड़ी रकम नहीं दे सकते.
इसके बाद मनीषा के लिए ससुराल की जिंदगी नरक बन गई. उसे हर रोज पीटा जाता, बंद कमरे में रखा जाता और खाना-पानी भी नहीं दिया जाता. मनीषा ने खुद बताया था कि उसे बिजली का करंट लगाकर मारने की कोशिश भी की गई थी.
बच्चे को भी नहीं चाहता था पति?
साल 2024 में मनीषा अपने मायके बागपत लौट आई, लेकिन ससुराल वालों का उत्पीड़न जारी रहा. इसी बीच मनीषा गर्भवती भी हुई. मनीषा के अनुसार डॉक्टर ने बच्चे से संबंधित दवाइयां लिखीं, लेकिन कुंदन दो दिन बाद कोई दूसरी दवा लेकर आया. मनीषा का दावा है कि ये दवाएं बच्चा गिराने के लिए* थीं और उसने उनमें से एक गोली ले भी ली थी. मनीषा ने कैमरे पर बताया कि उसके पति कुंदन को वह बच्चा नहीं चाहिए था.
शरीर पर लिखी दर्दनाक दास्तान
13 जुलाई 2025 को कुंदन अपने माता-पिता और दोनों भाइयों दीपक और विशाल के साथ तलाक के कागज़ात लेकर मनीषा के मायके बागपत पहुंचा. मनीषा ने तलाक के लिए हामी भर दी, लेकिन शर्त रखी कि उसके पिता द्वारा शादी में खर्च की गई पूरी रकम और दिए गए सभी उपहार (बुलेट बाइक, ज्वेलरी, फर्नीचर आदि) लौटा दिए जाएं. इस बात पर कुंदन का परिवार राजी नहीं हुआ, जिससे फिर से झगड़ा हुआ. मनीषा इस बात से बेहद डिप्रेशन में चली गई.
दहेज की भूख और ससुराल वालों के ताने मनीषा सहन नहीं कर पाई. 15 जुलाई की रात को उसने आत्महत्या कर ली, लेकिन मरने से पहले, मनीषा ने अपनी दर्दनाक कहानी अपने शरीर पर लिख दी. उसने अपनी कलाई पर लिखा था कि "मेरा पति कुंदन धमकी देता था कि अगर तूने इस बुरे बर्ताव के बारे में किसी को बताया तो मैं तुझे जिंदा मार डालूंगा."
उसने अपने हाथ की हथेली पर लिखा कि "मेरा पति और मेरे ससुराल वाले मुझे बंद कमरे में रखते थे. भूखा-प्यासा तड़पने देते थे, जहां पर मुझे वो खाना भी नहीं देते थे. अपने पैर पर मनीषा ने साफ-साफ लिखा था कि "मेरे मौत का जिम्मेदार कोई और नहीं बल्कि मेरा पति कुंदन, सास-ससुर और मेरे दो छोटे देवर दीपक और विशाल हैं." उसने यह भी लिखा कि उसके ससुराल वालों ने उसके मायके वालों को भी जान से मारने की धमकी दी थी.
पुलिस जांच जारी
मनीषा के छोटे भाई ने भी बताया कि उसकी बहन को बुलेट बाइक के बजाय थार और 10-15 लाख रुपये नकद के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था. उन्होंने 13 जुलाई की घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि ससुराल वाले तलाक के कागज़ात लेकर आए थे और मनीषा के सामान और खर्च लौटाने की मांग पर राजी नहीं हुए, जिससे मनीषा गहरे डिप्रेशन में चली गई.
पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. पुलिस अधिकारी के अनुसार, शव का पोस्टमार्टम हो चुका है और जांच जारी है. प्रथम दृष्टया यह मामला दहेज हत्या (Dowry Death) का लग रहा है. मनीषा की मौत ने एक बार फिर समाज को झकझोर दिया है. यह घटना हम सभी को सोचने पर मजबूर करती है कि 21वीं सदी में भी महिलाएं दहेज उत्पीड़न का शिकार होकर अपनी जान दे रही हैं. इस जहरीले समाज में ऐसे लोभी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होना बेहद ज़रूरी है ताकि और किसी मनीषा को अपनी ज़िंदगी से हाथ न धोना पड़े.
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