संघ लोक सेवा आयोग (UNION PUBLIC SERVICE COMMISSION) की परीक्षा टॉप करने वाली शक्ति दुबे ने वो सीक्रेट मंत्रा बता दिया जो उनके सफलता की कुंजी बन गई. शक्ति दुबे ने वो गलतियां भी बताई जो सभी करते हैं. उन्होंने कहा कि सफल होने के बाद लोग ये बताते हैं कि सफल होते कैसे हैं पर वो गलतियां नहीं बताते हैं. गलतियों पर ध्यान देकर उन्हें सुधारकर सफल हुआ जा सकता है.
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संसद टीवी पर एक इंटरव्यू के दौरान शक्ति दुबे ने बताया कि उन्होंने तीन अटेम्ट दिए पर प्रीलिम्स ही नहीं निकला. चौथी बार में 12 नंबर से नहीं हो पाया. पांचवे अटेम्ट में शक्ति दुबे ने बाजी मार दी और यूपीएससी में ऑल इंडिया फर्स्ट रैंक हासिल कर लिया.
मेरी गलतियां जो प्रतियोगी छात्र न करें- शक्ति दुबे
शक्ति दुबे ने बताया कि वो जॉब करते-करते यूपीएससी की तैयारी कर रही थीं. तीन बार प्रीलिम्स देने के बाद भी नहीं निकला तो उन्हें अपनी गलतियों का अहसास हुआ. उन्हें पता चला कि वो बिना सेलेबस को समझें ही प्रिपरेशन कर रही थीं. उन्हें ये बात भी समझ आ गई कि यूपीएससी एक ऐसा एग्जाम है जिसे फुल फोकस की जरूरत है. ऐसे में उन्होंने सबसे पहले जॉब छोड़ दी.
शक्ति दुबे के 10 सक्सेज मंत्रा
1- होमवर्क करने से पहले इस फील्ड में एंटर न करें
शक्ति दुबे ने कहा कि बिना होमवर्क किए UPSC में एंटर करना वक्त बर्बाद करने जैसा है. इन्होंने बताया कि ये बिना होमवर्क के एंटर कर गईं जिससे एग्जाम को फिगर अउट करने में वक्त लग गया. 3 अटेम्ट निकल गए और प्रिलिम्स ही नहीं निकला.
2- सबसे पहले समझें सेलेबस
शक्ति दुबे ने कहा कि सबसे पहला काम है कि सेलेबस को ध्यान से पढ़ें और उसे समझें. शक्ति दुबे ने माना कि उनसे सबसे बड़ी गलती ये हो गई कि उन्होंने बिना सेलेबस समझे ही प्रिपरेशन शुरू कर दिया. यूपीएससी ने मेन्स का बहुत ही डिटेल सिलेबस दिया है.
3- आईडेंटीफाई करें...क्या पढ़ना है
शक्ति दुबे ने सबसे पहले ये आइडेंटीफाई किया कि क्या पढ़ना है और क्या नहीं पढ़ना है. उन्होंने कहा- 'मैं एक्जाम्पल दूं कि पॉलिटिकल साइंस में फंडामेंटल राइट्स एक टॉपिक है. फंडामेंटल राइट्स पे एक बुक भी हो सकती है. आप एक आर्टिकल पर पूरा एक बुक लिख सकते हैं. ऐसे में सिलेबस बताता है क्या पढ़ना है.
4- कितना पढ़ना है...ये भी आइडेंटीफाई करें
शक्ति दुबे ने बताया कि ये भी क्लियर होना बेहद जरूरी है कि कितना पढ़ना है. यदि ये क्लियर नहीं होगा तो आप अपना वक्त बर्बाद कर लेंगे. प्रीवियस क्वेस्चन बताते हैं कितना पढ़ना है, कितना रिक्वायरमेंट है.
5- बेसिक मजबूत करें NCERT से
शक्ति दुबे ने बताया कि NCERT से बेहतर बुक्स कोई नहीं हैं. उन्होंने कहा- 'मैं ये बिल्कुल नहीं कहती कि छठवीं से 12वीं तक की सारी NCERT बुक्स पढ़नी है. कुछ स्पेसिफिक कुछ बेसिक्स हैं जिनको आपको प्रिफर करना है. ऐसी बहुत ही लिमिटेड नंबर ऑफ बुक्स हैं.
6- कम बुक लिस्ट रखें
शक्ति दुबे ने बताया कि उनसे जो एक बड़ी गलती ये हुई कि एक टॉपिक के लिए कई सोर्स रेफर कर रही थीं. मान लीजिए सब्जेक्ट से डर लग रहा है, मान लीजिए कि हिस्ट्री वीक है तो हिस्ट्री के लिए कम से कम दस किताबें ले लिया. अब आप उसको कंसोलिडेट नहीं कर सकते. आप उसको रिवाइज भी नहीं कर पाओगे. तो अल्टीमेटली उस नॉलेज का कोई फायदा नहीं है. शक्ति दुबे ने कहा- मैं कहूंगी कि बहुत ही मिनिमम बुक लिस्ट रखो.
7- तैयारी के बावजूद फेल होने से मिलती है लर्निंग
शक्ति दुबे ने कहा कि जब आप तैयारी के साथ फेल होते हो पता चलता है कि गलती कहां रह गई. उससे लर्निंग मिलती है और फिर आप और तैयारी के साथ जुट जाते हो.
8- रिवीजन बहुत जरूरी
शक्ति दुबे ने अपना अनुभव शेयर करते हुए बताया कि पढ़ने से ज्यादा इम्पोर्टेंट रिवजन का है. उन्होंने कहा- ' एक रिवीजन स्लॉट हर दस दिन बाद का रखती थी. दस दिन नहीं तो बीस दिन बाद मैं एक दो दिन का स्लॉट रखती ही थी. इसमें बीस दिन में जो पढ़ा उसको मैं रिवाइज करके उसपर एक टेस्ट सॉल्व करके ही आगे बढ़ती थी.
9- मन छोटा मत करें, घबराएं नहीं
शक्ति दुबे ने बताया कि तीसरे अटेम्ट में 1 नंबर से रह गया. जब ये चौथे अटेम्ट में भी सक्सेज नहीं हुईं तो इन्होंने सोचा कि अब बस. अब जॉब करनी है और UPSC का चक्कर छोड़ना है. तब इनके भाई ने कहा- शायद फर्स्ट रैंक तुम्हारा इंतजार कर रहा हो. शायद भगवान ने कुछ और अच्छा सोच रखा हो. पैरेंट्स ने फोर्स किया कि एक और अटेम्ट दे दो. यदि नहीं होगा तो फिर कोई फोर्स नहीं करेगा. फिर पांचवे अटेम्ट में भाई की बात सच हो गई.
10- कोचिंग से ही सफलता मिलेगी ऐसा नहीं है
शक्ति दुबे ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्होंने कोचिंग नहीं किया है. खुद से ही प्रिपरेशन किया है. यानी कोचिंग करके ही IAS बना सकता है ऐसा नहीं है. सेल्फ डिसीप्लीन के साथ खुद से तैयारी करके भी सफलता हासिल की जा सकती है.
गौरतलब है कि शक्ति दुबे साल 2018 से यूपीएससी की तैयारी कर रही हैं. तब उन्होंने राजनीति विज्ञान और इंटरनेशनल रिलेशन को ऑप्शनल के लिए चुना था. हालांकि उन्होंने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री में स्नातकोत्तर किया है. इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री ली है.
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