लखपति दीदी के बाद अब जलसखी योजना! धामी सरकार की नई पहल से ग्रामीण महिलाओं को घर बैठे मिलेगा रोजगार

उत्तराखंड की धामी सरकार ने लखपति दीदी के बाद अब जलसखी योजना शुरू की है, जिसके तहत ग्रामीण महिलाएं पेयजल आपूर्ति और बिलिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी. जानिए कैसे यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी.

uttarakhand cm pushkar singh dhami
उत्तराखंड के CM पुष्कर सिंह धामी (फोटो : X@ukcmo)

न्यूज तक

• 10:08 AM • 30 Jun 2025

follow google news

Read more!

उत्तराखंड की धामी सरकार ने ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक और क्रांतिकारी कदम उठाया है. लखपति दीदी योजना की सफलता के बाद अब जलसखी योजना की शुरुआत की जा रही है.

इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, बिलिंग और रखरखाव का जिम्मा महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपा जाएगा. यह योजना न केवल महिलाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी, बल्कि हर घर नल योजना को और प्रभावी बनाएगी. 

क्या है जलसखी योजना?

जलसखी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति से जुड़े कार्य जैसे नए कनेक्शन प्रदान करना, बिल वितरण, बिल वसूली और योजनाओं का रखरखाव महिला स्वयं सहायता समूहों को सौंपा जाएगा. इसके लिए समूहों को नल जल मित्र के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा.

साथ ही, पेयजल की गुणवत्ता जांचने के लिए किट्स भी उपलब्ध कराए जाएंगे. प्रत्येक बिल पर 10 रुपये का प्रोत्साहन और राजस्व में निश्चित हिस्सा देकर महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का लक्ष्य है. इस पायलट प्रोजेक्ट से ग्रामीण महिलाओं को घर बैठे रोजगार मिलेगा.

1.63 लाख महिलाएं बनीं आत्मनिर्भर

वहीं, 2022 में शुरू हुई लखपति दीदी योजना के तहत उत्तराखंड में 1.63 लाख महिलाओं की वार्षिक आय एक लाख रुपये से अधिक हो चुकी है. इस योजना का लक्ष्य 5.07 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. इसके लिए महिलाओं को कृषि, उद्यान, डेयरी, सिलाई-कढ़ाई, रसोई गैस वितरण, प्रारंभिक पशु चिकित्सा, बीमा और डिजिटल लेनदेन जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है. सरकार का लक्ष्य इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 3 लाख महिलाओं को लखपति बनाने का है, जो महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है.

सशक्त बहना उत्सव योजना का मिला लाभ

महिलाओं की आजीविका को बढ़ावा देने के लिए अगस्त 2023 में शुरू की गई मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना भी उल्लेखनीय है. इस योजना से 30 हजार से अधिक महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं और अब तक 4.93 करोड़ रुपये का कारोबार कर चुकी हैं. योजना का उद्देश्य महिला समूहों द्वारा बनाए गए उत्पादों को व्यापक बाजार तक पहुंचाना है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो और वे आत्मनिर्भर बनें.

स्थानीय उत्पादों को मिली वैश्विक पहचान

उत्तराखंड के पारंपरिक हस्तशिल्प, जैविक कृषि उत्पादों और जड़ी-बूटियों को बढ़ावा देने के लिए दिसंबर animation में शुरू किया गया हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड एक महत्वपूर्ण पहल है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किए गए इस ब्रांड के 36 उत्पादों में से 12 को जीआई टैग मिल चुका है. ये उत्पाद अब राज्य के हवाई अड्डों, हैलीपैड, प्रमुख होटलों और ई-कॉमर्स साइटों पर उपलब्ध हैं, जिससे स्थानीय महिलाओं को वैश्विक बाजार तक पहुंच मिल रही है.

ये भी पढ़ें: धामी सरकार में हर स्तर पर सशक्त हुई उत्तराखंड की महिलाएं, नौकरियों और समितियों में बढ़ी भागीदारी!

    follow google newsfollow whatsapp