28 अप्रैल को शनि करेंगे अपने नक्षत्र में प्रवेश, इन 3 राशियों की चमकेगी किस्मत, मिलेगा पैसा और प्रतिष्ठा
वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शनि देव का गोचर इस बार बेहद खास होने जा रहा है. करीब 27 साल बाद शनि अपने ही नक्षत्र उत्तराभाद्रपद में प्रवेश करने जा रहे हैं. यह परिवर्तन 28 अप्रैल 2025 को सुबह 7 बजकर 52 मिनट पर होगा, जो कि 3 अक्टूबर 2025 तक असर में रहेगा.
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वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शनि देव का गोचर इस बार बेहद खास होने जा रहा है. करीब 27 साल बाद शनि अपने ही नक्षत्र उत्तराभाद्रपद में प्रवेश करने जा रहे हैं. यह परिवर्तन 28 अप्रैल 2025 को सुबह 7 बजकर 52 मिनट पर होगा, जो कि 3 अक्टूबर 2025 तक असर में रहेगा.

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शनि को कर्म का कारक, न्यायप्रिय और तपस्वी ग्रह माना गया है. ऐसे में जब वे अपने ही नक्षत्र में आते हैं, तो उसका गहरा प्रभाव देखने को मिलता है. खासतौर पर कुछ राशियों के लिए यह समय सफलता और धन लाभ से भरा रहेगा. आइए जानते हैं वे कौन-सी भाग्यशाली राशियाँ हैं जिन्हें इस गोचर से बड़ा फायदा हो सकता है.

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कुंभ राशि: शनि देव कुंभ राशि के जातकों को भी जबरदस्त लाभ दे सकते हैं. करियर में बड़ा बदलाव हो सकता है. विदेश यात्रा या विदेशी संपर्कों से फायदा मिलने के संकेत हैं. व्यापार और नौकरी दोनों क्षेत्रों में लाभ की संभावनाएं बन रही हैं. संपत्ति और वाहन खरीदने की योजना सफल हो सकती है. स्वास्थ्य पहले से बेहतर होगा और आत्मविश्वास बढ़ेगा.

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मिथुन राशि: मिथुन राशि वालों के लिए यह गोचर दसवें भाव में हो रहा है, जो कि करियर और कामकाज से जुड़ा होता है. कामकाज में तरक्की के अच्छे योग हैं.सवरिष्ठों से तारीफ मिलेगी और प्रमोशन के भी आसार बनेंगे. आपके प्रयासों से कई अधूरे काम पूरे हो सकते हैं. भौतिक सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी.

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वृषभ राशि: शनि का यह नक्षत्र परिवर्तन वृषभ राशि वालों के लिए बेहद शुभ हो सकता है. शनि इस राशि के एकादश भाव में होंगे, जो आय और लाभ से जुड़ा होता है.नौकरी में आ रही अड़चनों से राहत मिल सकती है. वरिष्ठ अधिकारियों से संबंध मजबूत होंगे और सराहना भी मिल सकती है. व्यापारियों को नए मौके और बड़े सौदे मिलने के योग बनेंगे. लंबे समय से रुके काम पूरे हो सकते हैं.

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शनि का नक्षत्र गोचर क्यों है खास? शनि का उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में आना एक दुर्लभ खगोलीय घटना है. यह बदलाव न सिर्फ व्यक्तिगत जीवन को प्रभावित करता है बल्कि सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों पर भी इसका असर दिख सकता है.