Akshay Tritya Puja Vidhi 2025 For Money: इन 3 स्थानों पर जलाएं दीपक,धन दौलत से भर जाएगी झोली

संदीप कुमार

Akshaya Tritiya 2025 Date and Time: अक्षय तृतीया 2025 इस बार 30 अप्रैल को मनाई जाएगी. मान्यता है कि इस दिन शाम को तीन खास स्थानों पर दीपक जलाने से मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर प्रसन्न होते हैं, जिससे जीवन में धन, यश और सुख की वृद्धि होती है. जानिए किस समय और किन तीन स्थानों पर जलाने होंगे दीपक.

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Akshaya Tritiya 2025 Kab Hai: अक्षय तृतीया, हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ और पवित्र पर्व, इस साल 30 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा. यह दिन धन, सुख, समृद्धि और यश प्राप्ति के लिए विशेष महत्व रखता है. मान्यता है कि इस दिन कुछ विशेष उपाय करने से मां लक्ष्मी, भगवान विष्णु और धन के देवता कुबेर प्रसन्न होते हैं, जिससे जीवन में उन्नति और समृद्धि आती है. आइए जानते हैं कि अक्षय तृतीया की शाम को किन तीन स्थानों पर दीपक जलाने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं और जीवन में धन, मान और यश की वृद्धि हो सकती है.

दीपक जलाने का महत्व

दीपक का प्रकाश उज्जवल भविष्य और तरक्की का प्रतीक है. पूजा-पाठ में दीपक जलाना शुभता और सकारात्मकता का संदेश देता है. अक्षय तृतीया की संध्या, जब अंधेरा होने लगे, तीन शुद्ध घी के दीपक जलाने से जीवन में समृद्धि और सुख का आगमन होता है.

कहां जलाएं दीपक?

  • तुलसी के पौधे के पास:

    अपने घर में जहां तुलसी का पौधा रखा है, वहां एक शुद्ध घी का दीपक जलाएं. तुलसी को मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है, और यहां दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.

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  • उत्तर दिशा में:

    उत्तर दिशा को धन और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. इस दिशा में दीपक जलाने से मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर प्रसन्न होते हैं, जिससे धन और यश में वृद्धि होती है. अपने घर की उत्तर दिशा में एक दीपक रखें

  • मुख्य द्वार पर:

    घर के मुख्य द्वार पर एक दीपक जलाएं. यह घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश कराता है और नकारात्मकता को दूर रखता है. मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से परिवार की समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है.

  • दीपक जलाने का सही तरीका

    • शुद्ध सामग्री का उपयोग: मिट्टी के दीपक में शुद्ध घी और रुई की बत्ती का उपयोग करें. ध्यान रखें कि पूजा के लिए विशेष रूप से बिकने वाला "पूजा वाला घी" या अन्य सामग्री न खरीदें. ऐसा घी या तेल लें, जो खाने योग्य हो और मानव उपयोग के लिए शुद्ध हो. नकली या अशुद्ध सामग्री पूजा में इस्तेमाल करने से बचें.
       
    • समय: संध्या काल में, जब आपके क्षेत्र में अंधेरा होने लगे, दीपक जलाएं. भारत के अलग-अलग हिस्सों में यह समय थोड़ा भिन्न हो सकता है, इसलिए अपने स्थानीय समयानुसार संध्या का ध्यान रखें.
       
    • पूजा और प्रार्थना: दीपक जलाने के बाद भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और कुबेर जी की पूजा करें. अपनी मनोकामनाएं उनके समक्ष रखें और परिवार की परंपरानुसार आरती करें.

    क्यों जरूरी है यह उपाय?

    मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर यह उपाय करने से जीवन में धन, सुख और यश की प्राप्ति होती है. शुद्ध मन और श्रद्धा से किए गए इस कार्य से भगवान की कृपा प्राप्त होती है, जो जीवन को समृद्ध और सुखमय बनाती है.

    सावधानियां

    • पूजा सामग्री खरीदते समय सावधानी बरतें. बाजार में बिकने वाली नकली सामग्री, जैसे पूजा वाला तेल, तिल या घी, पूजा के लिए उपयुक्त नहीं हैं.
       
    • केवल वही सामग्री उपयोग करें, जो शुद्ध और खाने योग्य हो. यह न केवल पूजा की पवित्रता बनाए रखता है, बल्कि भगवान के प्रति आपकी श्रद्धा को भी दर्शाता है.

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    Disclaimer: यह जानकारी ज्योतिष और उसके इर्द-गिर्द बनी मान्यताओं और तर्कों पर आधारित है. हम ज्योतिर्विद के हवाले से यह जानकारी आपको दे रहे हैं. न्यूज़ तक ऐसी मान्यताओं और टोटकों का समर्थन नहीं करता है.

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