Astro: सिर्फ एक जायफल से बदल सकती है आपकी किस्मत! जानिए ज्योतिषाचार्य कमल नंदलाल से इससे जुड़ा राज
Jayfal ke fayde: हर रसोई में मिलने वाला एक साधारण जायफल, ज्योतिषीय दृष्टि से सेहत का सबसे बड़ा रक्षक बन सकता है. सूर्य से इसका संबंध इसे एक शक्तिशाली उपाय में बदलता है, जानिए कैसे यह छोटा फल कर सकता है चमत्कार.
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हर रविवार सुबह, जब गांव की गलियों में नीम की खुशबू घुली रहती थी और मंदिर की घंटियां धीमे-धीमे गूंजती थीं, तब एक बूढ़ा साधु गंगाधर घाट पर आता था. उसके हाथ में सिर्फ एक चीज होती. एक छोटा सा जायफल. लोग कहते थे, वह कोई साधारण आदमी नहीं, बल्कि एक ऐसे ज्ञान का रखवाला था जो पीढ़ियों से गुप्त रखा गया था.
एक दिन, गांव में रहने वाली वाली रेखा, जो कि कई वर्षों से अस्वस्थ चल रही थी, वो साधु के पास पहुंची. रेखा की आंखों में आखिरी उम्मीद की चमक थी. उसे देखकर साधु मुस्कराया और बोले, "बेटी, इस जायफल में सूर्य का तेज छुपा है. इसे सही विधि से उपयोग करोगी, तो रोग खुद-ब-खुद तुम्हारे जीवन से विदा ले लेंगे." रेखा ने साधु की बात मानी और जैसा उन्होंने कहा वैसा ही किया.
कुछ समय बाद रेखा को फर्क महसूस होने लग गया. वो पहले से कुछ बेहतर हो गई. जायफल को लेकर ज्योतिषाचार्य कमल नंदलाल बताते हैं कि सिर्फ एक जायफल का ये टोटका रोगों से मुक्ति दिला सकता है और स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है. चलिए जानते हैं इस उपाय की खासियत और इसे करने का तरीका.
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जायफल और सूर्य का ज्योतिषीय महत्व
कमल नंदलाल बताते हैं कि जायफल, जो आमतौर पर गरम मसाले जैसे इलायची, दालचीनी और लौंग के साथ प्रयोग होता है, एक विशेष फल है. ज्योतिष में इसका संबंध सूर्य से है, जो हमारी सेहत का प्रमुख कारक है. जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है या छठे, आठवें, बारहवें, और सातवें भाव में होता है—खासकर त्रिकेश (6, 8, 12 भावों का स्वामी) होने पर—उन्हें बार-बार सर्दी, बुखार, जुकाम जैसी बीमारियां परेशान करती हैं. ऐसे में जायफल का यह उपाय रामबाण साबित हो सकता है.
उपाय करने की विधि
सही दिन का चयन: यह उपाय रविवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार, या सप्तमी, द्वादशी, पंचमी, प्रतिपदा तिथि पर करें. शिव योग का दिन हो तो और भी बेहतर.
जायफल तैयार करें: एक जायफल लें और इसे अपनी मुट्ठी में बंद कर लें.
मंत्र जप: "आदित्याय नमः" या "सूर्याय नमः" मंत्र का मन में 12 बार जाप करते हुए जायफल को सिर से उतारें. मंत्र को जोर से न बोलें, सिर्फ मन में दोहराएं.
कपूर के साथ प्रक्रिया: सुबह के समय (स्नान के बिना भी कर सकते हैं) मिट्टी के दीये में अच्छी मात्रा में कपूर जलाएं. जायफल को जलते कपूर पर डाल दें.
ध्यान और जप: आंखें बंद कर सूर्य की ओर मुंह करें और मन में "सूर्याय नमः" का जाप जारी रखें.
क्यों है यह खास?
कमल नंदलाल के अनुसार, इस उपाय में स्नान की अनिवार्यता नहीं है, क्योंकि यह सीधे स्वास्थ्य और नकारात्मकता से जुड़ा है. बीमार व्यक्ति के लिए यह आसानी से किया जा सकता है. वे कहते हैं, "यह टोटका करने से आपकी सेहत में उल्लेखनीय सुधार होगा."
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Disclaimer: यह जानकारी ज्योतिष और उसके इर्द-गिर्द बनी मान्यताओं और तर्कों पर आधारित है. हम ज्योतिर्विद के हवाले से यह जानकारी आपको दे रहे हैं. न्यूज़ तक ऐसी मान्यताओं और टोटकों का समर्थन नहीं करता है.