आपके घर के रंग बदल सकते हैं आपकी किस्मत! जानिए चमत्कारी वास्तु टिप्स
Vastu Shastra: घर के रंग केवल दीवारों की खूबसूरती नहीं बढ़ाते, बल्कि सकारात्मकता और सौभाग्य भी लाते हैं. वास्तु एक्सपर्ट कमल नंदलाल बताते हैं कि सही रंगों का चयन जीवन में शांति और समृद्धि ला सकता है. जानिए, आपके घर की दिशा के अनुसार कौन-से रंग शुभ रहेंगे.
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रीमा और समीर (काल्पनिक नाम) ने बड़े सपनों के साथ अपना नया घर लिया था. खूबसूरती से सजा यह अपार्टमेंट उनकी खुशहाल जिंदगी का गवाह बनने वाला था, लेकिन कुछ ही महीनों में चीजें बदलने लगीं. घर में बिना वजह झगड़े बढ़ने लगे, समीर के करियर में रुकावटें आने लगीं और रीमा लगातार बेचैनी महसूस करने लगी. उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?
एक दिन रीमा की मुलाकात वास्तु एक्सपर्ट कमल नंदलाल से हुई, जिन्होंने उनके घर के रंगों पर ध्यान दिया और चौंकाने वाला रहस्य बताया. कमल नंदलाल ने समझाया कि घर के रंग केवल दीवारों की खूबसूरती नहीं बढ़ाते, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मकता और सौभाग्य भी लाते हैं. कमल नंदलाल ने बताया कि वास्तु एक ऐसा माध्यम है, जो दिशाओं के आधार पर सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है. उनका कहना है कि आजकल ज्यादातर लोग फ्लैट्स में रहते हैं, जहां बाहरी रंगों को बदलना मुश्किल होता है. ऐसे में छोटे-छोटे बदलावों से वास्तु को शुभ बनाया जा सकता है.
घर के बाहरी रंगों के लिए वास्तु टिप्स
नॉर्थ फेसिंग घर: हरे रंग की नेम प्लेट लगाएं. यह सकारात्मकता को बढ़ाएगा.
नॉर्थ-ईस्ट फेसिंग: पीले रंग की नेम प्लेट और बालकनी में काले रंग का बाजट बट्टू (लाल तिलक और आंखों के साथ) लगाएं.
ईस्ट फेसिंग: मरून नेम प्लेट पर सफेद अक्षरों में नाम लिखें.
साउथ-ईस्ट फेसिंग: ऑरेंज नेम प्लेट लगाएं.
वेस्ट फेसिंग: नीले रंग की पट्टी और सफेद अक्षरों में नाम.
साउथ-वेस्ट फेसिंग: डार्क ब्लू पट्टी और सिल्वर अक्षर.
नॉर्थ-वेस्ट फेसिंग: पिंक पट्टी और सिल्वर अक्षर.
साउथ फेसिंग: लाल पट्टी और काले अक्षर.
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कमल के अनुसार, अगर आपके फ्लैट का बाहरी रंग क्रीम या सफेद है, तो यह भावनात्मक तनाव और टकराव को बढ़ा सकता है. ऐसे में दिशा के अनुसार नेम प्लेट के रंग बदलकर वास्तु दोष को कम किया जा सकता है.
घर के अंदर के रंगों का वास्तु रहस्य
कमल ने घर के अलग-अलग हिस्सों के लिए भी रंगों की सलाह दी:
- ड्रॉइंग रूम: हल्का हरा रंग और एक कृत्रिम तालाब.
- किचन: ऑरेंज रंग और लाल बल्ब अग्नि तत्व को संतुलित करेंगे.
- बच्चों का कमरा: पीला रंग और सरस्वती की तस्वीर.
- स्टडी रूम: हल्का नीला रंग और धार्मिक चिह्न.
- मास्टर बेडरूम: गुलाबी और लाल रंग का मिश्रण.
- पूजा कक्ष: गहरा पीला या केसरिया रंग.
- डाइनिंग एरिया: ऑरेंज या मैजेंटा शेड्स.
- स्टोर रूम: गहरा भूरा या ग्रे रंग.
रंगों का मनोवैज्ञानिक प्रभाव
कमल नंदलाल ने बताया कि रंगों का अपना मूड और ऊर्जा होती है. काला और गहरा भूरा नकारात्मकता का प्रतीक हो सकता है, जबकि सफेद, गुलाबी और चटकीले रंग शुभता और सुंदरता लाते हैं. सही रंगों के साथ आप अपने घर में ईश्वर का आशीर्वाद और सुख-समृद्धि पा सकते हैं.
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