बिहार पुलिस बनेगी ‘ईको फ्रेंडली’, 737 नए थाना भवन तैयार, सोलर एनर्जी पर जोर
Bihar News: बिहार पुलिस अब ईको-फ्रेंडली पहल की ओर, 737 नए थाने होंगे सोलर एनर्जी से लैस. बिजली बचत और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा कदम, जानें पूरी डिटेल.
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Bihar News: बिहार पुलिस अब न केवल जनता के लिए बल्कि पर्यावरण के लिए भी दोस्त बनने जा रही है. राज्य के पुलिस थाने और पुलिस लाइन अब ‘ईको फ्रेंडली’ होंगे. इसके लिए बिहार पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है, जिसमें सोलर एनर्जी का उपयोग और नए थाना भवनों का निर्माण शामिल है. 737 नए थाना भवनों का निर्माण पूरा हो चुका है, और अब सोलर पैनल लगाकर बिजली की बचत की दिशा में तेजी से काम शुरू हो गया है. यह पहल बिहार पुलिस को और आधुनिक व पर्यावरण के प्रति जिम्मेदार बनाएगी.
सोलर एनर्जी से रोशन होंगे थाने
बिहार पुलिस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में एडीजी (आधुनिकीकरण, एससीआरबी एवं ट्रैफिक) सुधांशु कुमार ने बताया कि जिन पुलिस भवनों में 50 किलोवॉट से अधिक बिजली की खपत होती है, वहां सोलर पैनल लगाए जाएंगे. इसके लिए ऐसे भवनों की पहचान शुरू हो चुकी है. सोलर एनर्जी के उपयोग से न केवल बिजली की बचत होगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान मिलेगा.
737 थाना भवनों का निर्माण पूरा
एडीजी ने बताया कि साल 2007-08 से अब तक 1014 थाना भवनों के निर्माण को स्वीकृति मिली थी, जिनमें से 737 भवनों का निर्माण पूरा हो चुका है. 277 भवनों का निर्माण कार्य अभी प्रगति पर है. इसके अलावा, इस साल 17 नए थानों को स्वीकृति मिली है, जिनमें से 37 भवनों का निर्माण कार्य पूरा हो गया है. यह कदम बिहार पुलिस के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण है.
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भूमिहीन थानों के लिए जमीन की तलाश
कुछ थानों को अभी तक भवन या जमीन नहीं मिल सकी है. एडीजी सुधांशु कुमार ने बताया कि 80 पुलिस थानों के लिए जमीन की तलाश जारी है. वहीं, 34 थानों में भूमि विवाद के कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है. इन विवादों को जल्द सुलझाने का आश्वासन दिया गया है, ताकि निर्माण कार्य शुरू हो सके.
साइबर और ट्रैफिक थानों को मिलेगा नया भवन
बिहार में 43 साइबर थानों और 43 यातायात थानों के लिए भी अलग से भवन बनाए जाएंगे. 28 नए ट्रैफिक थाना भवनों की स्वीकृति मिल चुकी है, और इनका निर्माण जल्द शुरू होगा. सभी भवनों का निर्माण ए, बी और सी श्रेणियों के तय मॉडल के अनुसार किया जा रहा है, ताकि एकरूपता और गुणवत्ता बनी रहे.