नीतीश कुमार की 'महिला संवाद यात्रा' पर प्रशांत किशोर का तीखा हमला, कह दी ये बात
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की इस यात्रा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा,"नीतीश कुमार समाधान यात्रा कर चुके हैं, लेकिन उससे बिहार की समस्याओं का कितना समाधान हुआ?
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Bihar Politics: बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला मतदाताओं को साधने के लिए 'महिला संवाद यात्रा' शुरू करने की योजना बनाई है. यह यात्रा महिला सशक्तिकरण पर राज्यभर में संवाद स्थापित करने के उद्देश्य से की जाएगी. लेकिन इस यात्रा पर सियासी हमले भी शुरू हो गए हैं. जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर (पीके) ने इस कदम को जनता को भ्रमित करने का प्रयास बताया है.
नीतीश की 'महिला संवाद यात्रा' का उद्देश्य
नीतीश कुमार की कैबिनेट ने मंगलवार को 'महिला संवाद कार्यक्रम' को मंजूरी दी. इसके तहत पूरे बिहार में यात्रा की जाएगी, जिस पर राज्य सरकार 226 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इस यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री राज्यभर की महिलाओं से संवाद करेंगे और महिला सशक्तिकरण के लिए अब तक किए गए कार्यों पर चर्चा करेंगे. जेडीयू इस यात्रा के जरिए महिला वोट बैंक को मजबूत करने का प्रयास कर रही है. चुनावी रणनीति के तहत, यात्रा के बाद महिलाओं के लिए नई योजनाओं की शुरुआत की रूपरेखा तैयार की जाएगी.
प्रशांत किशोर का तीखा हमला
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की इस यात्रा पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा,"नीतीश कुमार समाधान यात्रा कर चुके हैं, लेकिन उससे बिहार की समस्याओं का कितना समाधान हुआ? 30 वर्षों में लालू और नीतीश के शासन के बावजूद न गरीबी घटी, न पलायन रुका, न शिक्षा व्यवस्था सुधरी, और न ही रोजगार के अवसर बढ़े. जनता का विश्वास तोड़ने के बाद अब ये यात्रा मात्र दिखावा है."
पीके ने आगे कहा कि यात्राओं में भीड़ दिखाना पैसे और जाति के नाम पर संभव है, लेकिन इससे जनता को गुमराह नहीं किया जा सकता. उन्होंने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, "काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ाई जा सकती."
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जन सुराज की रणनीति और पीके का राजनीतिक सफर
प्रशांत किशोर पिछले दो साल से बिहार के गांव-गांव में जाकर पदयात्रा के जरिए लोगों से संवाद कर रहे हैं. 2 अक्टूबर को उन्होंने अपनी पार्टी 'जन सुराज' बनाई और उपचुनाव में अपनी किस्मत आजमाई, लेकिन पार्टी को बड़ी सफलता नहीं मिली. अब आगामी 2025 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए पीके नई रणनीति पर काम कर रहे हैं.
क्या नीतीश की यात्रा का होगा असर?
जेडीयू का मानना है कि 'महिला संवाद यात्रा' से महिलाओं के बीच सरकार की उपलब्धियां पहुंचेंगी और चुनाव में पार्टी को इसका लाभ मिलेगा. हालांकि, विपक्षी दल इसे चुनावी स्टंट करार दे रहे हैं. प्रशांत किशोर का कहना है कि जनता अब इतनी समझदार हो चुकी है कि इन्हें झूठे वादों से गुमराह नहीं किया जा सकता.
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आगामी चुनावों में महिला वोट बैंक का कितना असर होगा और क्या नीतीश कुमार की यह यात्रा जेडीयू को फायदा पहुंचाएगी, यह देखना दिलचस्प होगा.
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