वाह बिहारी ! मगरमच्छ को बोरी की तरह लाद घुमा दिया गांव, VIDEO देख उड़ जाएंगे होश
कहते हैं Bihar is not for Beginners और ऐसा क्यों कहते हैं..इस तस्वीर को देख कर आप समझ जाएंगे...गांववालों के कंधे पर लदा हुआ ये कोई आटा -चावल का बोरी नहीं मगरमच्छ है. जी हां मगरमच्छ जिसे देखते ही अच्छे अच्छों की सीटी-पीटी गुम हो जाती है.

कहते हैं Bihar is not for Beginners और ऐसा क्यों कहते हैं..इस तस्वीर को देख कर आप समझ जाएंगे...गांववालों के कंधे पर लदा हुआ ये कोई आटा -चावल का बोरी नहीं मगरमच्छ है. जी हां मगरमच्छ जिसे देखते ही अच्छे अच्छों की सीटी-पीटी गुम हो जाती है. पकड़ना तो बहुत दूर की बात है. लेकिन बिहार के बेतिया के बहादुरों ने ना सिर्फ मगरमच्छ को पकड़ा बल्कि गांव में घुमा भी दिया.
मगरमच्छ को लेकर पानी से निकले लोग
पश्चिम चंपारण ज़िले के चूहड़ी गांव में ऐसा नजारा देखने को मिला जिसे देखने पूरा गांव उमड़ पड़ा. यहां ग्रामीणों ने मिलकर एक करीब पांच से 7 फिट लंबे और 80 किलो वजनी मगरमच्छ को तालाब से पकड़ने का साहसिक कारनामा किया. इस अद्भुत घटना ने सभी को चकित कर दिया. ग्रामीणों ने मछली पकड़ने वाले जाल की मदद से मगरमच्छ को दबोचा. इसके बाद बच्चों, बूढ़ों और युवाओं ने मिलकर उसे कंधे पर लादकर खेतों में लाकर लोहे के पिंजरे से बांध दिया.
बिहारी शेर ने वन विभाग के आने से पहले दिखाई सूझबूझ
ग्रामीणों के मुताबिक, चनपटिया प्रखंड के इस तालाब में पिछले आठ महीने से मगरमच्छ देखा जा रहा था. गांव के स्थानीय ने बताया कि तालाब के आसपास रहने वाले सभी लोग मगरमच्छ की मौजूदगी से वाकिफ थे. कई बार ग्रामीणों ने इसे पकड़ने की कोशिश की, लेकिन डर के कारण कामयाब नहीं हो सके.
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हालांकि, जब मगरमच्छ ने तालाब की मछलियों को तेजी से खाना शुरू कर दिया, तब ग्रामीणों ने इसे पकड़ने का फैसला कर लिया. वन विभाग को इसकी सूचना दी गई, लेकिन उनके पहुंचने से पहले ही ग्रामीणों ने अपनी सूझबूझ और साहस से इसे जाल की मदद से काबू में कर लिया. ग्रामीणों ने मगरमच्छ को पकड़ने के बाद रस्सी से बांधा और फिर कंधे पर लादकर सुखी जगह पर ले गए. इस दौरान छोटे बच्चे भी मगरमच्छ को कंधे पर उठाने में शामिल थे. यह नज़ारा बेहद आश्चर्यजनक और जोखिमभरा था.
वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को अपने कब्जे में लिया
फिलहाल वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को सुरक्षित अपने कब्जे में ले लिया. अधिकारियों का कहना है कि यह मगरमच्छ गंडक नदी से बहकर किसी नहर के सहारे तालाब तक पहुंचा होगा. रेस्क्यू के बाद इसे वापस गंडक नदी में छोड़ दिया गया. फिलहाल वीडियो को देखने के बाद तो लोगों के प्राण ही सूख गए. मगरमच्छ को इस तरह से कंधे पर लादकर ले जाने की हिम्मत को देख लोग हैरान है और तारीफ भी कर रहे हैं.










