BT MindRush 2025: कुमार मंगलम बिड़ला को मिला 'बिजनेस आइकॉन ऑफ द ईयर' अवार्ड
इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी ने भी इस अवसर पर भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक क्षमता तक पहुंचने के लिए नए सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया. इस कार्यक्रम में 16 प्रमुख बिजनेस लीडर्स को अलग-अलग श्रेणियों में सम्मानित किया गया.
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बिजनेस टुडे इंडिया के प्रतिष्ठित सर्वश्रेष्ठ सीईओ पुरस्कार समारोह में आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला को 'बिजनेस आइकॉन ऑफ द ईयर' के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. इस भव्य आयोजन में विदेश मंत्री एस. जयशंकर को भी 'इम्पैक्ट आइकॉन ऑफ द ईयर' अवॉर्ड से नवाजा गया.
57 वर्षीय कुमार मंगलम बिड़ला ने मेटल सेक्टर में नई संभावनाओं को बढ़ावा देते हुए हिंडाल्को के नए स्वरूप का अनावरण किया. उन्होंने अपने एल्युमीनियम और तांबे के कारोबार के विस्तार के लिए ₹45,000 करोड़ के निवेश की घोषणा की. बिड़ला की दूरदर्शिता और नेतृत्व क्षमता के चलते उन्हें इस प्रतिष्ठित अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन अरुण पुरी ने भी इस अवसर पर भारतीय अर्थव्यवस्था की वास्तविक क्षमता तक पहुंचने के लिए नए सुधारों की आवश्यकता पर जोर दिया. इस कार्यक्रम में 16 प्रमुख बिजनेस लीडर्स को अलग-अलग श्रेणियों में सम्मानित किया गया.
कुमार मंगलम बिड़ला भारत के भविष्य को लेकर केवल आशावादी ही नहीं हैं, बल्कि वे आश्वस्त भी हैं. ऐसे समय में जब वैश्विक अनिश्चितताएं मंडरा रही हैं और अर्थव्यवस्थाएं डगमगा रही हैं, आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन का कहना है कि भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर मजबूती से आगे बढ़ रहा है. बिड़ला के मुताबिक ये ये केवल संख्याएं नहीं हैं.
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यह पूछे जाने पर कि क्या भारत 2047 तक विकसित देश बनने की राह पर है, बिड़ला ने कहा, "बिल्कुल. भारत एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था है जो सालाना 6-7% की दर से बढ़ रही है, जो एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. दुनिया इसे हमारे सुनहरे पल के रूप में पहचानती है. नीति स्थिरता, बुनियादी ढांचे में निवेश और सकारात्मक कारोबारी माहौल दीर्घकालिक विकास के लिए मंच तैयार कर रहे हैं."
BT MindRush 2025: बिड़ला की 5 खास बिजनेस लर्निंग
BT MindRush 2025 के विशेष सत्र में ‘भारत के अगले वैश्विक ग्रुप के निर्माण’ पर बोलते हुए कुमार मंगलम बिड़ला ने अपने अनुभवों से पांच महत्वपूर्ण बिजनेस मंत्र साझा किया.
- अहंकार पर विवेक को प्राथमिकता दें: वैश्विक विस्तार जरूरी है, लेकिन अहंकार की कीमत पर नहीं.
- एकीकरण और सम्मान: व्यावसायिक तालमेल के साथ आपसी सम्मान भी जरूरी है.
- वैश्वीकरण एकतरफा नहीं: यह सीखने और सिखाने की प्रक्रिया है.
- कॉर्पोरेट नेतृत्व का महत्व: ग्रुप में श्रेष्ठतम प्रथाओं को अपनाने के लिए एक मजबूत नेतृत्व आवश्यक है.
- विस्तार से ज्यादा एकीकरण जरूरी: सिर्फ नई जगहों पर कदम रखना पर्याप्त नहीं, सही तालमेल भी जरूरी है.