दूल्हे का CIBIL स्कोर देख दुल्हन ने तोड़ दी शादी, क्या है ये स्कोर और इसे कैसे रखें चकाचक की न आए ऐसी नौबत? जानें

बृजेश उपाध्याय

महाराष्ट्र के मुर्तिजापुर में दो परिवारों के बीच शादी की चर्चा लंबे समय से चल रही थी. लड़का-लड़की एक दूसरे को पसंद कर जीवन में एक साथ आगे बढ़ने को राजी थे. कुंडली वगैरह भी मैच हो गई थी. इसी बीच सिबिल स्कोर ने सबकुछ बिगाड़ दिया.

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तस्वीर: न्यूज तक.
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अब रिश्ते तय होने में जन्म कुंडली युवक-युवतियों की पसंद-नापसंद, लड़के की आर्थिक स्थिति और पारिवारिक बैकग्राउंड ही नहीं बल्कि CIBIL स्कोर भी जरूरी है. सुनकर ताज्जुब हो रहा होगा पर ये सही है. हाल ही में महाराष्ट्र में एक शादी दूल्हे के खराब CIBIL स्कोर के कारण टूट गई है. दुल्हन ने उससे शादी से इनकार कर दिया. अब सवाल ये है कि  CIBIL स्कोर कितना महत्वपूर्ण है? CIBIL स्कोर खराब कैसे होता है और उसे शानदार कैसे करें? 

पर्सनल फाइनेंस (Personal finance) की इस सीरीज में हम आपको CIBIL स्कोर के बारे में सबकुछ बताने जा रहे हैं. इसके खराब होने का आपके जीवन पर क्या-क्या असर होता है? इसे ठीक कैसे रख सकते हैं. 

पहले जान लेते हैं महाराष्ट्र में क्या हुआ था? 

महाराष्ट्र के मुर्तिजापुर में दो परिवारों के बीच शादी की चर्चा लंबे समय से चल रही थी. लड़का-लड़की एक दूसरे को पसंद कर जीवन में एक साथ आगे बढ़ने को राजी थे. कुंडली वगैरह भी मैच हो गई थी. इसी बीच लड़की के मामा ने लड़के का सिबिल स्कोर मांग लिया. सिबिल स्कोर ने लड़के की पोल-पट्‌टी खोल दी. पता चला कि लड़के ने कई बैंकों से कर्ज लिया था. यानी उसके घर में जो चकाचौंध थी सब कर्ज के भरोसे थी. वो कई बैंकों से लोन ले चुका था. फिर दुल्हन ने तय किया कि वो ऐसे लड़के से हरिज शादी नहीं करेगी जो कई बैंकों के कर्ज के बोझ से दबा हुआ है. देखते ही देखते ये रिश्ता टूट गया. 

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कुछ ऐसी ही कहानी लकी की भी है. लकी एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं. उन्होंने कमाकर एक-एक रुपए जुटाया और सोचा कि क्यों न सपनों का घर खरीदा जाए. वे डाऊन पेमेंट की व्यवस्था करके बैंक गए. बैंक ने जो कहा वो सुनकर लकी के होश उड़ गए. बैंक ने उन्हें लोन देने से इनकार कर दिया. वे एक निजी बैंक में गए. वहां उन्हें महंगे ब्याज दर पर लोन ऑफर हुआ. पता चला कि लकी का CIBIL स्कोर खराब है इसलिए ये सब हो रहा है. 

CIBIL स्कोर क्या है? 

लकी को पता चला कि 300 से 900 अंकों के बीच का एक CIBIL स्कोर होता है. यह व्यक्ति की क्रेडिट योग्यता और क्षमता को दर्शाता है. बैंक से कर्ज लेकर लोन समय पर न चुकाने और बकाया छोड़ने के कारण ये स्कोर 600 से कम हो जाता है. इतने स्कोर पर कोई लोन देने को राजी नहीं होता. जब ये स्कोर 700 या 750 से ज्यादा होता है तब इसे अच्छा माना जाता है. यानी लकी को अब अपना CIBIL स्कोर बढ़ाने पर ध्यान देना होगा. ये भी ध्यान देना होगा कि भविष्य में ये खराब न हो. सिबिल स्कोर ठीक करने के टिप्स को जानने के लिए यहां क्लिक करें ...

CIBIL खराब होने के कारण 

  • भुगतान लेट करना: क्रेडिट कार्ड बिल और लोन EMI का टाइम पर भुगतान नहीं करना. 
  • क्रेडिट कार्ड का ज्यादा उपयोग: क्रेडिट कार्ड की लिमिट तक उसका पूरा उपयोग भी सिबिल खराब करता है.
  • बार-बार लोन के लिए आवेदन: बार-बार लोन के लिए आवेदन करना भी सिबिल पर असर डालता है. 
  • क्रेडिट रिपोर्ट में कमी: कई बार क्रेडिट रिपोर्ट में कमी के चलते थे सिबिल स्कोर खराब हो जाता है.  

CIBIL सुधारने के उपाय 

  • समय पर पेमेंट: क्रेडिट कार्ड और EMI का समय पर भुगतान आपका सिबिल ठीक रख सकता है.
  • क्रेडिट उपयोग कम : क्रेडिट कार्ड का उपयोग उसकी सीमा का 30 फीसदी तक ही करना ठीक रहता है. 
  • बार-बार आवेदन से बचें: क्रेडिट कार्ड या लोन का आवेदन रिजेक्ट होने पर बार-बार आवेदन से बचना चाहिए.
  • क्रेडिट रिपोर्ट की नियमित जांच: क्रेडिट रिपोर्ट की जांच करते रहना चाहिए ताकि समय रहते उसकी कमी पकड़ में आ जाए.

CIBILऔर क्रेडिट स्कोर में फर्क 

लकी ये भी जानना चाहते हैं कि ये क्रेडिट स्कोर क्या है? क्यों कि लोन लेते समय इनके सामने कई बार इसकी भी चर्चा की गई. ये किसी व्यक्ति की क्रेडिट योग्यता और क्षमता को दर्शाता है. इसमें कई क्रेडिट ब्यूरो जैसे CIBIL, Equifax, Experian अपने-अपने क्रेडिट स्कोर देते हैं. CIBIL स्कोर TransUnion CIBIL द्वारा जारी किया जाता है, जो भारत में सबसे प्रमुख क्रेडिट ब्यूरो है.

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